‘सरेंडर जानते हो राहुल बाबा’, पंडित नेहरू का पत्र शेयर कर निशिकांत दुबे ने पूछा सवाल

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नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के आगे सरेंडर करने का आरोप लगाया। राहुल गांधी के आरोपों पर अब भाजपा सांसद निशिकांत


दुबे ने पलटवार किया है। उन्होंने राहुल गांधी को ‘सरेंडर’ का मतलब बताया है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कुछ पत्र शेयर किए हैं, जो देश के पहले प्रधानमंत्री


पंडित जवाहर लाल नेहरू ने लिखा था। ये पत्र 1963 में भारत के चीन से युद्ध में हारने के बाद का है। निशिकांत दुबे ने पत्र शेयर करते हुए लिखा, सरेंडर जानते हो राहुल बाबा। सरेंडर इसको कहते हैं,


आपके परम पूज्य नाना यानी आयरन लेडी के पिता नेहरू जी का यह पत्र है, जो जनवरी 1963 में भारत के चीन से युद्ध में हारने के बाद का है। घिघिया कर नेहरू जी ने चीन के प्रधानमंत्री को लिखा था कि आपने


भारत के पूर्व क्षेत्र में 20 हजार किलोमीटर और पश्चिम में 6 हजार किलोमीटर कब्जा कर लिया है। आपने हमारे 4 हजार सैनिकों को बंधक बना लिया है, फिर भी हमने श्रीलंका के प्रधानमंत्री को अपना नेता


बनाकर आपके पास आत्मसमर्पण की बात के लिए भेजा है। आपके आदेश की प्रतीक्षा में- जवाहरलाल नेहरू। इससे पहले उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के राजीव गांधी को लिखे पत्र को लेकर


कांग्रेस से सवाल किया था। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि ‘गांधी’ होना आसान नहीं है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पत्र शेयर करते हुए लिखा था, गांधी होना आसान


नहीं। यह पत्र अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन का तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी के द्वारा लिखे पत्र के उत्तर में है। 1972 के शिमला समझौते के तहत जब यह तय हो गया कि भारत-पाकिस्तान


के बीच किसी विवाद पर बातचीत केवल दोनों देशों के बीच होगी, कोई मध्यस्थता नहीं होगी, तो भारतीय तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अमेरिकी राष्ट्रपति रीगन से पाकिस्तान से बातचीत के लिए मदद


क्यों मांगी? इससे पहले, उन्होंने 27 मई को अपने एक्स हैंडल पर कुछ पोस्ट शेयर कर कांग्रेस से सवाल किया था। निशिकांत दुबे ने एक्स पर लिखा था, आयरन लेडी इंदिरा गांधी अमेरिकी दबाव में 1971 का


युद्ध तत्कालीन रक्षा मंत्री जगजीवन राम जी और सेनाध्यक्ष सैम मानेकशॉ के विरोध के बावजूद भारत ने खुद ही रोक दिया। बाबू जगजीवन राम चाहते थे कि कश्मीर का हमारा हिस्सा जो पाकिस्तान ने जबरदस्ती


कब्जा कर रखा है, उसको लेकर ही युद्ध बंद हो। लेकिन, आयरन लेडी का डर और चीन का दहशत यह नहीं कर पाया? भारत के लिए फायदा अपनी भूमि तथा करतारपुर गुरुद्वारा लेना था या बांग्लादेश बनाना? पूरी


रिपोर्ट पढ़िए आयरन लेडी की राजनीतिक दृष्टि समझिए? --आईएएनएस एफएम/जीकेटी Advertisment डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई


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