आराध्या बचपन से ही क्यों जाती हैं कान्स? स्कूल छोड़कर इवेंट में दिखाती हैं जलवा, ऐश्वर्या राय ने बताई इसकी बड़ी वजह

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AISHWARYA RAI DAUGHTER AARADHYA: 78वें कान कांस फिल्म फेस्टिवल के रेड कारपेट पर ऐश्‍वर्या राय बच्‍चन ने एंट्री ले ली है और उन्होंने इस बार भी अपने लुक से हर किसी को दीवाना बना दिया. आइवरी


रंग की बनारसी हैंडलूम साड़ी में हर किसी की नजरें हसीना पर ही टिक गई. ऐश्वर्या इस लुक में किसी अप्सरा से कम नहीं लगीं. लेकिन इस बात में कोई दो राय नहीं है कि, बेटी आराध्या के बिना ऐश कान्स


नहीं जाती. इस साल भी कुछ ऐसा ही हुआ है, बीते दिनों दोनों मां बेटी को फ्रांस के नाइस एयरपोर्ट पर स्पाॅट किया गया, जहां उनका और उनकी बेटी आराध्या का गिफ्ट के साथ जबरदस्त स्वागत हुआ. लेकिन क्या


आप जानते हैं कि आखिर एक्ट्रेस बेटी को कान्स में क्यों लेकर जाती हैं? Advertisment छोटी सी उम्र से आराध्या जाती हैं कान्स बता दें कि आराध्या बहुत छोटी उम्र से मां के साथ इस फैशन-फिल्म इवेंट


में जा रही हैं और मां के साथ-साथ वो भी अपने लुक से छा जाती हैं. हालांकि इसको लेकर फैंस अक्सर आराध्या को ट्रोल भी करते हैं कि वह स्कूल जाने की बजाय हमेशा अपनी मां के साथ कान्स क्यों आती हैं.


ऐसे में ऐश्वर्या ने खुद इस सवाल का जवाब देते हुए बताया है कि आखिर वह आराध्या को हर साल कान्स फिल्म फेस्टिवल में अपने साथ क्यों लेकर आती हैं. ऐश्वर्या ने किया खुलासा ऐश्वर्या ने इसके पीछे की


वजह साझा करते हुए बताया कि 'आराध्या कान्स फिल्म फेस्टिवल में काफी कंफर्टेबल रहती हैं . वह यहां के माहौल को अच्छे से जानती हैं.' वहीं ऐश्वर्या ने आगे कहा, 'आराध्या के साथ कान्स


का अनुभव मुख्य रूप से एक साथ रहना है यहां घर जैसा महसूस करना है.आराध्या इस फेस्टिवल को और यहां के कई लोगों को बेहद अच्छे से जानती हैं. उसके यहां कई दोस्त भी हैं, जिससे जुड़ना उन्हें बेहद


पसंद आता है. यह माहौल आराध्या के लिए काफी अच्छा है ठीक वैसे ही जैसे मेरे लिए हैं, क्योंकि हम दोनो काफी मिलनसार हैं और लोगों के बीच रहना पसंद करते हैं.'  ग्लोबल एक्सपोजर से बच्चे बनते


हैं होशियार ऐश्वर्या की तरह की पेरेंटिंग का तरीका हर मां को अपनाना चाहिए. कई बार बच्चों को साथ ले जाने में पेरेंट्स हिचकिचाते हैं, लेकिन उन्हें एक्सप्लोर करने के ऐसे मौके देना चाहिए. क्योंकि


ऐसे सोशल ग्लोबल एक्सपोजर बच्चों की टॉकिंग, सामाजिक स्किल्स को डेवेलप करने में मददगार हो सकते हैं. घूमने-फिरने और इस तरह की जगहों पर जाने से बच्चे पॉजिटिव बनते हैं, अपनी जगह बनाना सीखते हैं.


ऐसे में ऐश्वर्या की इस तरह की पेरेंटिंग को उनके ससुराल वाले भी काफी सपोर्ट करते हैं.  ये भी पढ़ें-Operation Sindoor की झलक दिखी कान्स तक, 'सिंदूर भरी मांग' में इन दो खूबसूरत


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