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राजस्थान सरकार ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) की कक्षा 10वीं और 12वीं की बची हुईं परीक्षाओं को फिलहाल स्थगित रखने का फैसला लिया है और आगे के निर्देश सीबीएसई पर छोड़ दिए हैं। ये
परीक्षा 20 मार्च को होने से पहले रद्द कर दी गई थी। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक वीडियो सम्मेलन के जरिए बोर्ड के अधिकारियों के साथ बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के हर पहलूओं पर भी
चर्चा की। इसके बाद, सीएम अशोक गहलोत ने बोर्ड परीक्षाओं को फिलहाल स्थगित रखने का फैसला लिया और कहा कि, बोर्ड एग्जाम को लेकर सीबीएसई द्वारा जारी निर्देश के आधार पर ही आगे की प्रक्रिया होगी।
ताकि, लॉकडाउन के दौरान राज्य के किसी भी विद्यार्थी का नुकसान न हो। इसके अलावा उच्च एवं तकनीकी शिक्षा में भी परीक्षा आयोजन पर भी बाद में निर्णय लिया जाएगा। हालांकि, राजस्थान बोर्ड सोशल
डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए एग्जाम आयोजित कराने को लेकर भी विचार कर रहा था लेकिन इसमें कई तरह की समस्याएं आ सकती थीं।
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने ट्विट किया कि, ‘राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं एवं बारहवीं कक्षाओं की शेष परीक्षाएं फिलहाल स्थगित रहेंगी। बाद में सीबीएसई द्वारा लिए जाने वाले निर्णय
के अनुरूप फैसला किया जाएगा, ताकि दोनों बोर्ड की परीक्षाओं में एकरूपता बनी रहे और प्रदेश के विद्यार्थियों का अहित न हो।’ साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, ‘इसी प्रकार उच्च एवं तकनीकी शिक्षा में
भी परीक्षाओं का आयोजन स्थितियां सामान्य होने पर करवाया जा सकेगा।’
मजदूरों के पलायन की वजह से एग्जाम नहीं दे सकेंगे छात्र: लॉकडाउन के दौरान लगभग हजारों की संख्या में मजदूर राजस्थान छोड़ रहे हैं। आलम यह है कि प्रशासन ने करीब 7 दिन पहले ही राज्य के कई शेल्टर
होम को बंद कर दिया है। इसके अलावा राजस्थान के कुछ लोग दूसरे राज्यों में लॉकडाउन हैं। ऐसे में अधिक संख्या में छात्र राजस्थान बोर्ड परीक्षाएं आयोजित होने पर भी शामिल नहीं हो सकेंगे।
मई में बोर्ड एग्जाम कराने के थे निर्देश, नियम उल्लघंन के चलते टला: राजस्थान सरकार कुछ समय पहले परीक्षाएं आयोजित कराने को लेकर विचार कर रही थीं। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो राज्य सरकार से मई
के अंतिम दिनों में परीक्षा आयोजित करने की तैयारी करने के निर्देश भी जारी कर दिए गए थे। लेकिन फिलहाल सोशल डिस्टेंसिंग समेत कोरोना से बचने के अन्य नियमों का पालन होना मुश्किल लग रहा है। जिस
वजह से COVID-19 महामारी के फैलने का खतरा बहुत ज्यादा था।
परीक्षा केंद्रों की संख्या में कमी: राजस्थान सरकार के सामने परीक्षा केंद्रों की संख्या कमी भी बोर्ड एग्जाम न होने का एक कारण है। दरअसल, सोशल डिस्टेंसिंग के लिए बोर्ड एक एग्जाम सेंटर पर 50%
छात्रों की संख्या कम करने पर भी विचार कर रहा था। लेकिन ऐसे में, परीक्षा केंद्रों की ज्यादा जरूरत थी। आरबीएसई बोर्ड परीक्षाओं के लिए इस साल लगभग 20 लाख छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था।
बता दें कि, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सीबीएसई को 1 जुलाई से 15 जुलाई तक बची हुईं बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के लिए कहा है। सीबीएसई प्रवेश परीक्षा अनुसूची के आधार पर परीक्षा की तारीखें तय
करता है ताकि तारीखों में टकराव न हो। इस साल इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा, जेईई मेन और एनईईटी को कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण स्थगित कर दिया गया था। इस सप्ताह संशोधित परीक्षा की
तारीखों की घोषणा की गई थी। नए शेड्यूल के अनुसार, सीबीएसई बोर्ड परीक्षा, जेईई मेन और एनईईटी जुलाई में आयोजित किए जाएंगे। JEE मेन 18 जुलाई से 23 जुलाई तक और NEET 26 जुलाई को आयोजित किया जाएगा।
आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल 30 मई को दक्षिणी राज्य में मानसून आया था। 2023 में 8 जून को; 2022 में 29 मई को; 2021 में 3 जून को; 2020 में 1 जून को; 2019 में 8 जून को; और 2018 में 29
मई को।