कभी मछली और कमलगट्टा के लिए मशहूर था यह ताल, जानिए आज किस दशा में है ये gorakhpur news - this pool was once famous for fish and lotus know in what condition it is today

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संतकबीर नगर जिले में चौमुखी विकास का दावा करने वाले जन प्रतिनिधियों व जिला प्रशासन के आला अधिकारियों को शायद धरातल की वास्तविकता से कोई मतलब नहीं। जल संरक्षण के लिए हर साल भूगर्भ जल सप्ताह


मनाया जाता है। By Rahul SrivastavaEdited By: Updated: Thu, 22 Apr 2021 11:55 AM (IST) गोरखपुर, जेएनएन : संतकबीर नगर जिले में चौमुखी विकास का दावा करने वाले जन प्रतिनिधियों व जिला प्रशासन के


आला अधिकारियों को शायद धरातल की वास्तविकता से कोई मतलब नहीं। जल संरक्षण के लिए हर साल भूगर्भ जल सप्ताह मनाया जाता है। गोष्ठियां होती हैं, जागरूकता रैली निकलती है। इसके बाद भी जिले के


ताल-पोखरे बदहाल हैं। 14 सौ हेक्टेयर में फैला धनघटा तहसील क्षेत्र का ढढ़वा ताल इसका उदाहरण है। उदासीनता की मार झेल रहा यह ताल मछलियों और कमलगट्टा के लिए मशहूर है। इस ताल के आसपास लोगों ने


अतिक्रमण कर लिया है। वर्तमान में इस ताल में पानी भी काफी कम है। पर्यटन विभाग के पास भेजा गया था प्रस्‍तावतत्कालीन बसपा सांसद भीष्मशंकर उर्फ कुशल तिवारी ने इस ताल के सुंदरीकरण के लिए पर्यटन


विभाग के पास प्रस्ताव भेजवाया था। बसपा की सरकार में इस पर स्वीकृति दिलाने का प्रयास हुआ था। सरकार बदलते ही ताल का सुंदरीकरण अधर में पड़ गया। वहीं तत्कालीन भाजपा सांसद शरद त्रिपाठी ने भी इसके


सुंदरीकरण के लिए कई बार आवाज उठाई। उस समय प्रतीत हुआ कि शायद इसके दिन बहुरने वाले हैं। यह ताल पर्यटन के लिहाज से विकसित होगा, लेकिन धरातल में ऐसा नहीं हो पाया। हालांकि चुनाव में नेता इसे


मुद्दा बनाते रहे, लेकिन किसी जनप्रतिनिधि ने इस पर ठोस पहल नहीं की। जिला प्रशासन ताल से हटा अतिक्रमणधनघटा निवासी बलजोर यादव, धीरज कुमार, हरेंद्र, वरुणेंद्र, अमरनाथ ने कहा कि यह ताल किसानों व


आम जनमानस के लिए काफी फायदेमंद है। इस पर उचित पहल की जाए तो भूगर्भ जल के स्तर को सामान्य बनाए रखने में काफी मदद मिलेगी। अतिक्रमण की वजह से इसका दायरा कम होता जा रहा है। जिला प्रशासन को ताल


से अतिक्रमण हटवाना चाहिए। जल संरक्षण के लिए ठोस पहल करनी चाहिए। भूगर्भ जल के स्तर को सामान्य बनाए रखने के लिए ताल-पोखरों की दशा ठीक किया जाना चाहिए। जब तक ऐसा नहीं किया जाएगा तब तक स्थिति


में सुधार नहीं हो सकता। इसके अलावा हर दिन हो रही पानी की बर्बादी को रोकनी होगी। इसके लिए सभी को आगे आना होगा। अतिक्रमण हटवाने के लिए उच्‍चाधिकारियों से की जाएगी वार्ता धनघटा के एसडीएम


योगेश्वर सिंह ने कहा कि भविष्य में पानी का संकट न हो, इसके लिए जल संरक्षण करना अति आवश्यक है। ताल से अतिक्रमण हटवाने और इसके विकास के लिए उच्चाधिकारियों से वार्ता की जाएगी। सहमति मिलने पर


उचित पहल की जाएगी।