
- Select a language for the TTS:
- Hindi Female
- Hindi Male
- Tamil Female
- Tamil Male
- Language selected: (auto detect) - HI
Play all audios:
रांची, 28 मई (आईएएनएस)। झारखंड के शराब घोटाले में गिरफ्तार सीनियर आईएएस विनय चौबे और उत्पाद विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह से एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम दो दिनों तक रिमांड पर
पूछताछ करेगी। इसकी मंजूरी बुधवार को एसीबी की विशेष अदालत ने दी है। एसीबी ने अदालत से दोनों अधिकारियों से घोटाले के संबंध में पूछताछ के लिए सात दिनों की रिमांड मांगी थी। लेकिन, अदालत ने दो
दिनों की मंजूरी दी है। दोनों अधिकारी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। एसीबी ने 20 मई को करीब छह घंटे की पूछताछ के बाद दोनों को गिरफ्तार किया था। अदालत के आदेश पर उन्हें 3 जून तक न्यायिक हिरासत
में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेजा गया था। बाद में अचानक तबीयत बिगड़ जाने की वजह से आईएएस विनय चौबे न्यायिक हिरासत में रिम्स में दाखिल कराए गए थे। एसीबी ने शराब घोटाले में जो एफआईआर दर्ज की
है, उसमें विनय चौबे और गजेंद्र सिंह सहित कुल 13 लोगों को नामजद किया है। एजेंसी ने इन दोनों अफसरों की गिरफ्तारी के बाद जांच आगे बढ़ाते हुए झारखंड बेवरेजेज कॉरपोरेशन के पूर्व जीएम सुधीर कुमार
और वर्तमान जीएम सुधीर कुमार दास और शराब दुकानों के लिए मैन पावर सप्लायर कंपनी के एक स्थानीय प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा था। एसीबी ने अब इस मामले में आईएएस विनय
चौबे, उनकी पत्नी स्वप्ना संचिता, रिश्तेदार एस त्रिवेदी, प्रियंका त्रिवेदी, करीबी माने जाने वाले विनय कुमार सिंह, स्निग्धा सिंह, सीए उपेंद्र शर्मा और धनंजय कुमार सिंह की संपत्ति की भी जांच
शुरू की है। आशंका है कि घोटाले की रकम इनके जरिए अवैध तरीके से अलग-अलग जगहों पर निवेश की गई है। झारखंड में शराब घोटाले की शुरुआत वर्ष 2022 में छत्तीसगढ़ की तर्ज पर नई एक्साइज पॉलिसी लागू होने
के साथ ही हो गई थी। इस पॉलिसी को जमीन पर उतारने के लिए बतौर कंसल्टेंट छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के साथ करार किया गया था। झारखंड में इस पॉलिसी को लागू करने की
प्रक्रिया के दौरान बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां की गईं। आरोप है कि एक खास सिंडिकेट का शराब का टेंडर दिलाने के लिए मनमाने तरीके से टेंडर की शर्तें बदली गईं। छत्तीसगढ़ की कंसल्टेंट कंपनी के
अधिकारियों के सहयोग से सिंडिकेट ने मिलकर झारखंड में शराब की सप्लाई और होलोग्राम सिस्टम के ठेके हासिल किए। टेंडर लेने वाली कंपनियों की ओर से जमा की गई बैंक गारंटियां भी फर्जी निकलीं। इससे
राज्य सरकार को करोड़ों का आर्थिक नुकसान हुआ। --आईएएनएस एसएनसी/एबीएम Advertisment डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई
एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.