
- Select a language for the TTS:
- Hindi Female
- Hindi Male
- Tamil Female
- Tamil Male
- Language selected: (auto detect) - HI
Play all audios:
चुनाव आयोग ने देशभर के वोटरों के अनुभव को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के कार्यभार संभालने के बाद पहले 100 दिनों में आयोग ने 21 खास पहलें
की हैं, जो न सिर्फ प्रक्रियाओं को आसान बनाएंगी, बल्कि हर मतदाता तक पहुंच बनाने में भी मदद करेंगी. आयोग का साफ मकसद है - "किसी भी वोटर को मतदान करने के लिए 2 किलोमीटर से ज्यादा चलना न
पड़े." इसी के तहत अब एक बूथ पर अधिकतम 1,200 मतदाता ही होंगे, जबकि पहले यह संख्या 1,500 थी. यानी अब ज्यादा बूथ होंगे, खासकर घनी आबादी और ऊंची इमारतों वाले इलाकों में. Advertisment मतदाता
पर्ची को ज्यादा स्पष्ट और यूज़र-फ्रेंडली बनाया गया मतदाता पर्ची को भी अब ज्यादा स्पष्ट और यूज़र-फ्रेंडली बनाया गया है, ताकि लोगों को अपने बूथ की जानकारी आसानी से मिल सके. मतदान केंद्रों के
बाहर मोबाइल जमा करने की सुविधा भी दी जाएगी, ताकि लोग बिना किसी झंझट के वोट डाल सकें. एक और बड़ी पहल यह है कि अब मृत व्यक्तियों के नाम वोटर लिस्ट से समय पर हटाए जाएंगे. इसके लिए भारत के
रजिस्ट्रार जनरल के साथ मिलकर मृत्यु पंजीकरण डेटा का डायरेक्ट लिंक तैयार किया गया है. राजनीतिक दलों से भी आयोग ने जमकर संवाद किया है. देशभर में 4,719 बैठकें हो चुकी हैं, जिनमें 28,000 से
ज्यादा राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए. चुनाव आयोग अब सिर्फ प्रक्रिया तक सीमित नहीं आम आदमी पार्टी, बीजेपी, बसपा, माकपा और नेशनल पीपल्स पार्टी जैसे बड़े दलों के साथ भी खास बातचीत हुई
है. और आगे की योजना है कि उपचुनावों के बाद और भी गहन बैठकें की जाएं. इन तमाम पहलों से साफ है कि चुनाव आयोग अब सिर्फ प्रक्रिया तक सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि हर वोटर की सुविधा और भागीदारी को
केंद्र में रखकर काम कर रहा है.