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BRAHMOS FEAR IN PAKISTAN: भारत की रक्षा शक्ति ने पाकिस्तान की कमर तोड़ दी है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और भारतीय सेना ने जो वार पाकिस्तान के सीने पर किए हैं उससे अब तक पाक और उसे आलाकमान
सकते में हैं. खास तौर पर "ब्रह्मोस मिसाइल" एक ऐसा नाम बन चुका है, जिसने न केवल दुश्मनों के दिल में खौफ पैदा किया है, बल्कि वैश्विक सैन्य ताकतों के बीच भी भारत की साख को मजबूत किया
है. पाकिस्तान, ब्रह्मोस की क्षमताओं को देखकर बार-बार चिंता जाहिर करता रहा है. तो आइए जानते हैं क्यों ब्रह्मोस मिसाइल पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी बन चुकी है. Advertisment ब्रह्मोस क्या
है? ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जिसे भारत और रूस के संयुक्त सहयोग से विकसित किया गया है। इसका नाम दो नदियों- भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मॉस्कवा के नाम से लिया गया है. यह
मिसाइल जमीन, हवा, समुद्र और पनडुब्बी से दागी जा सकती है, जिससे यह भारत के "मल्टी-प्लेटफॉर्म अटैक सिस्टम" का प्रमुख हिस्सा बन गई है. क्या है ब्रह्मोस की खासियतें सुपरसोनिक स्पीड:
ब्रह्मोस की गति लगभग Mach 2.8 से 3.0 (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना) होती है, जिससे दुश्मन के रडार और डिफेंस सिस्टम को समय नहीं मिलता. रेंज: पहले इसकी मारक क्षमता 290 किमी थी, लेकिन अब इसे
बढ़ाकर 500 किमी तक किया जा चुका है. भविष्य में इसे हाइपरसोनिके जरिए 1500 किमी तक बढ़ाने की योजना है. सटीक निशाना: ब्रह्मोस की प्रिसिशन स्ट्राइक क्षमता इसे बेहद घातक बनाती है। यह टारगेट को
चूकने का मौका नहीं देती. हर मौसम में काम: यह मिसाइल हर मौसम में काम कर सकती है, चाहे दिन हो या रात. क्यों खौफ में है पाकिस्तान रक्षात्मक प्रणाली की कमजोरी: पाकिस्तान के पास फिलहाल ऐसा
कोई प्रभावी एयर डिफेंस सिस्टम नहीं है जो ब्रह्मोस जैसी तेज और सटीक मिसाइल को इंटरसेप्ट कर सके. लो-फ्लाइंग ट्रैजेक्टरी: ब्रह्मोस बहुत कम ऊंचाई पर उड़ सकती है, जिससे इसका पता लगाना और रोकना
मुश्किल हो जाता है. फुल-स्केल अटैक का डर: भारत की थल, जल, वायु - तीनों सेनाओं में ब्रह्मोस की तैनाती से पाकिस्तान को किसी भी मोर्चे पर अचानक हमले का खतरा सताता है. स्ट्रैटेजिक लोकेशन: भारत
ने ब्रह्मोस को चीन सीमा और पाकिस्तान सीमा दोनों पर तैनात कर रखा है, जिससे दोनों पड़ोसी देशों पर एक साथ दबाव बनाया जा सकता है. ब्रह्मोस की वैश्विक मांग और भारत की बढ़ती शक्ति ब्रह्मोस अब
सिर्फ भारत की ही नहीं, बल्कि कई अन्य देशों की भी पसंद बन चुकी है. फिलीपींस ब्रह्मोस खरीदने वाला पहला विदेशी ग्राहक बन चुका है, जिससे भारत की रक्षा निर्यात क्षमता को नई ऊंचाई मिली है.
वियतनाम, इंडोनेशिया और अन्य दक्षिण एशियाई देश भी इसमें रुचि दिखा रहे हैं. इससे भारत का सैन्य-राजनयिक प्रभाव क्षेत्रीय स्तर पर और मजबूत हो रहा है. क्यों डरता है पाकिस्तान? ऑपरेशन सिंदूर में
पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस को तबाह करने में ब्रह्मोस मिसाइल का बड़ा रोल रहा. यही नहीं पाक में आतंकियों के कई ठिकानों को जमींदोज करने में भी ब्रह्मोस ने अहम भूमिका निभाई. इसके अलावा
पाकिस्तान की चिंता केवल ब्रह्मोस की तकनीकी क्षमता से नहीं, बल्कि इससे जुड़े रणनीतिक संदेश से भी है. यह मिसाइल भारत की फर्स्ट-स्ट्राइक कैपेबिलिटी और रैपिड रेस्पॉन्स दोनों को दर्शाती है.
पाकिस्तान अच्छी तरह जानता है कि यदि किसी भी प्रकार की दुस्साहसी हरकत की गई, तो भारत ब्रह्मोस जैसे हथियारों से त्वरित और निर्णायक जवाब देने में सक्षम है. इसलिए ब्रह्मोस भारत के लिए सिर्फ एक
हथियार नहीं, बल्कि दुश्मनों के लिए चेतावनी है- 'सीमा लांघने की कीमत भारी पड़ेगी.' यह भी पढ़ें - Ankita Murder Case: अंकिता हत्याकांड में कोर्ट ने रिजॉर्ट मालिक समेत तीनों आरोपियों
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