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भारतीय जनता पार्टी जल्द ही एक और राज्य में अपनी सरकार बना सकती है. दरअसल पूर्वोत्तर भारत का संवेदनशील राज्य मणिपुर एक बार फिर राजनीतिक सुर्खियों में है. लंबे समय से जारी अस्थिरता और
हिंसात्मक घटनाओं के बीच अब वहां स्थायी सरकार गठन की दिशा में कवायद तेज हो गई है. भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है.
Advertisment राज्यपाल से मिले एनडीए के विधायक मणिपुर में भाजपा नीत एनडीए के 10 विधायकों का एक दल इंफाल स्थित राज्यभवन पहुंचा और उन्होंने राज्यपाल से औपचारिक रूप से सरकार बनाने का दावा पेश
किया. इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के 8 विधायक, नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) का एक विधायक और एक निर्दलीय विधायक शामिल थे. इस मुलाकात का उद्देश्य मणिपुर में एक बार फिर लोकप्रिय और स्थायी सरकार के
गठन की दिशा में कदम बढ़ाना था. लंबे समय से जारी अस्थिरता के बाद यह मुलाकात महत्वपूर्ण मानी जा रही है. अमित शाह को लिखा गया था पत्र बता दें कि सरकार गठन के प्रयासों से पहले की पृष्ठभूमि में
एक और बड़ी घटना रही, जब मणिपुर के 21 विधायकों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा और प्रदेश में शांति और स्थिरता लाने के लिए एक लोकप्रिय सरकार बनाए जाने की अपील की थी. इस पत्र पर
जिन विधायकों ने हस्ताक्षर किए थे, उनमें: भाजपा के 13 विधायक, एनपीपी के 3 विधायक, 2 निर्दलीय विधायक और अन्य सहयोगी दलों के कुछ सदस्य शामिल थे. इस पत्र का उद्देश्य साफ था- राज्य में लंबे समय
से चल रही राजनीतिक अनिश्चितता को समाप्त करना और केंद्र सरकार को यह विश्वास दिलाना कि राज्य के प्रतिनिधि एक स्थिर सरकार के पक्ष में हैं. कितने विधायकों के समर्थन का दावा? हालांकि राज्यपाल से
मिले प्रतिनिधिमंडल में 10 विधायक शामिल थे, लेकिन एनडीए खेमे ने कुल 21 विधायकों के समर्थन का दावा किया है. यह संख्या राजनीतिक लिहाज से अहम है, क्योंकि मणिपुर विधानसभा में सरकार बनाने के लिए
बहुमत का आंकड़ा 31 है. भाजपा और सहयोगी दलों को उम्मीद है कि जल्द ही बाकी समर्थन भी प्राप्त होगा और वे विधानसभा में बहुमत साबित कर सकेंगे. राजनीतिक अस्थिरता के बीच नई उम्मीद मणिपुर पिछले कुछ
समय से जातीय संघर्ष और राजनीतिक उठापटक की वजह से सुर्खियों में रहा है. ऐसे समय में अगर कोई स्थायी सरकार बनती है तो यह न केवल प्रशासनिक मजबूती लाएगी, बल्कि राज्य में शांति बहाली और विकास
कार्यों को भी गति मिलेगी. राज्य के लोग लंबे समय से स्थिर शासन की अपेक्षा कर रहे हैं और यह कवायद उनके लिए उम्मीद की एक नई किरण साबित हो सकती है. नई सरकार से नई शुरुआत की उम्मीद मणिपुर में
सरकार गठन को लेकर जो हलचल दिख रही है, वह राज्य के राजनीतिक भविष्य के लिए अहम मोड़ साबित हो सकती है. यदि एनडीए अपने दावे को मजबूत कर पाता है और शेष विधायकों का समर्थन प्राप्त कर सरकार बनाता
है, तो यह मणिपुर के लिए शांति, स्थिरता और विकास की दिशा में एक सकारात्मक कदम होगा.