पाकिस्तान का बचाव करने वाले 81 लोग असम से गिरफ्तार, पहलगाम हमले के बाद से ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है टीम

feature-image

Play all audios:

Loading...

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारतयी सुरक्षाबल अलर्ट मोड पर है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद से लगातार ऐसे लोगों की तलाश की जा रही है, जो देश विरोधी गतिविधियों में जुटे हुए


हैं. पिछले कुछ दिनों में देश के अलग-अलग इलाकों से ऐसे लोगों को पकड़ा जा रहा है, जो पाकिस्तान को खुफिया जानकारियां पहुंचा रहे हैं.  Advertisment इन सबके बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा


सरमा ने रविवार को बताया कि पहलगाम हमले के बाद से असम से राष्ट्र-विरोधी कार्यों में लगे दो और लोगों को पकड़ा गया है.  हिमंत बिस्व सरमा ने एक्स पर बताया कि सोनितपुर और कामरूप जिलों से एक-एक


आदमी को पकड़ा गया है. बता दें, असम में इस तरह के मामलों में अब तक 81 लोगों को पकड़ा गया है.  एक्स पर सरमा ने किया ये पोस्ट एक्स पर सरमा ने लिखा कि पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति जताने वाले 81


देश विरोधी लोग अब सलाखों के पीछे हैं. हमारी टीम सोशल मीडिया पर देश विरोधी पोस्टों पर लगातार कड़ी नजर रख रही है. उन लोगों पर कार्रवाई भी की जा रही है. सरमा ने दो मई को पाकिस्तान जिंदाबाद का


नारा लगाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही थी. > 81 Anti-Nationals are now behind bars for sympathising with Pak | > #Update | 1 June >  > 1️⃣ @SonitpurPolice 


arrested Md Dilbar Hussain >  > 2️⃣ @KamrupPolice arrested Hafizur Rahman >  > Our systems are constantly tracking anti-national posts on social > media and taking actions.


> — Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) June 1, 2025 एआईयूडीएफ विधायक पर पाकिस्तान के साथ मिलीभगत के आरोप इससे पहले, एआईयूडीएफ विधायक अमीनुल इस्लाम पर पहलगाम आतंकवादी हमले में पाकिस्तान


और उसकी मिलीभगत का कथित रूप से बचाव का आरोप लगा. उन्हें गिरफ्तार भी किया गया. हालांकि मामले में अमीनुल को बाद में जमानत मिल गई. लेकिन सरकार ने एनएसए के तहत हिरासत में लिया गया है. बता दें,


22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में आतंकियो ने हमला किया था. 26 लोगों को हिंदू होने की वजह से जान गंवानी पड़ी.  _हिमंत बिस्वा सरमा की ये खबर भी पढ़ें- ASSAM: 2026 तक असम में खत्म हो


जाएगा बाल विवाह, सीएम हिमंता बिस्वा सरमा का फैसला_