खुल रहीं परतें,13 करोड़ की जमीन 54 करोड़ की कैसे? लैंडयूज में भी बड़ा हेरफेर

feature-image

Play all audios:

Loading...

करीब 33 बीद्या जमीन निगम ने ली थी। जमीन खरीदने के लिए तीन अलग अलग लोगों ने निगम को आवेदन किया था। इसी के आधार पर तीनों से सर्किल रेट के आधार पर 54 करोड़ रुपये में जमीन ली गई है। इसी फाइल से


दो आवदेन पत्र ही गायब मिले हैं। इसके पीछे की वजह नहीं मालूम चल रही है। Utkarsh Gaharwar हिन्दुस्तान, हरिद्वारWed, 4 June 2025 06:22 AM Share Follow Us on __ निगम की ओर से खरीदी गई जमीन में


बड़ा फायदा किसानों को जो पहुंचाया गया है, और वो भी लैंड यूज बदलकर, जो जमीन 13 करोड़ की थी वहीं जमीन 19 दिनों में 54 करोड़ की हो गई। इसके तहत प्रशासन की ओर से कृषि जमीन को अकृषि किया गया है।


पांच में से चार फाइलों को पास कर दिया गया था, लेकिन एक फाइल को पास नहीं किया था, जिसमें छह हजार फीट जमीन थी, जिस जमीन को निगम से कृषि के रूप में ही खरीदा है। करीब 33 बीद्या जमीन निगम ने ली


थी। जमीन खरीदने के लिए तीन अलग अलग लोगों ने निगम को आवेदन किया था। इसी के आधार पर तीनों से सर्किल रेट के आधार पर 54 करोड़ रुपये में जमीन ली गई है। इसी फाइल से दो आवदेन पत्र ही गायब मिले हैं।


इसके पीछे की वजह नहीं मालूम चल रही है, चर्चा है कि आवेदन पत्रों में जमीन को कृषि दिखाया गया था,जबकि निगम ने अकृषि भूमि को खरीदा है। उन्नीस दिन में चार फाइलों को कृषि की जमीन को अकृषि कर


बेची गई थी। इसी कारण छह हजार वर्ग मीटर से सीधा 25 हजार वर्ग मीटर के रेट हुए हैं। नगर निगम को भूमि बेचने वाले विक्रेताओं ने लैंड यूज बदलने के लिए प्रशासन में पिछले साल पहला आवेदन तीन अक्तूबर


को मिला था और 21 अक्टूबर तक चार फाइलें 143 कर दी गई थी। लैंड यूज के बाद ही जमीन के रेट बढ़ने थे। पांचवीं फाइल को पास नहीं किया गया था। छह हजार फीट जमीन कृषि की निगम ने खरीदी है। इसका भुगतान


छह हजार वर्ग मीटर के हिसाब से ही किया गया है। एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि चार फाइलों में से एक फाइल का आवेदन 16 अक्तूबर को मिला था और 21 अक्तूबर का लैंडयूज बदल दिया गया


था। मात्र छह ही दिन में इस फाइल का लैंडयूज बदला गया था। गोदाम के लिए बदला था लैंडयूज जमीन का लैंडयूज गोदाम के लिए बदला गया था। इसमें साफ लिखा गया है कि इसके अलावा यदि किसी और अन्य काम में इस


जमीन का इस्तेमाल किया जाता है तो लैंडयूज स्वत:ही कैंसिल हो जाएगा। प्रारंभिक जांच में ही हो गई थी अनियमितता की पुष्टि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में जमीन खरीद प्रकरण में अनियमितता की पुष्टि होने


पर सहायक नगर आयुक्त रवींद्र कुमार दयाल, कर राजस्व निरीक्षक लक्ष्मी कांत भट्ट, सहायक अभियंता आनंद सिंह मिश्रवान, अवर अभियंता दिनेश कांडपाल को निलंबित कर दिया है जबकि सेवा विस्तार के तहत


कार्यकर लिपिक की सेवा समाप्त कर दिया है। इसके अलावा संविदा कर्मचारी ड्राफ्ट्समैन की सेवाएं समाप्त की चुकी हैं।