अयोध्या प्राण प्रतिष्ठा में नहीं निकलेगी शोभायात्रा, मूर्तियां स्थापित कर होगा पूजन

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राम मंदिर में राम दरबार के अलावा छह मंदिरों में भगवान की मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा पांच जून को होगी। इसके पहले यहां तैयारियां चल रही है। उधर प्राण-प्रतिष्ठा के पहले मूर्तियों की


शोभायात्रा की परम्परा का निर्वहन सुरक्षा कारणों से नहीं किया जाएगा। राम मंदिर में राम दरबार के अलावा छह मंदिरों में भगवान की मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा पांच जून को होगी। इसके पहले यहां


तैयारियां चल रही है। उधर प्राण-प्रतिष्ठा के पहले मूर्तियों की शोभायात्रा की परम्परा का निर्वहन सुरक्षा कारणों से नहीं किया जाएगा। इसके लिए प्रतीकात्मक पालकी यात्रा मंदिर परिसर में ही निकाली


जाएगी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय ने बताया कि राम दरबार समेत सभी मूर्तियों का निर्माण मकराना मार्बल से किया गया है। इन सभी मूर्तियां का वजन बहुत अधिक है। सभी मूर्तियों के


प्रतीकात्मक रीति से अनुष्ठान की सभी विधि पूरी की जाएगी। हनुमान चालीसा व सुंदर काण्ड का भी होगा पाठ प्राण-प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में चतुर्वेद के पारायण के साथ रामरक्षा स्तोत्र, अथर्व शीर्ष का


भी पारायण होगा। इसके अलावा यहां प्रतिदिन हनुमान चालीसा व सुंदर काण्ड का भी पाठ किया जाएगा। ये भी पढ़ें:UP Top News: गोरखपुर में NIA की रेड, अब्बास अंसारी पर आज आएगा फैसला कारसेवक पुरम स्थित


वेद विद्यालय के प्रधानाचार्य इंद्रदेव मिश्र ने बताया कि सुबह साढ़े छह बजे से पूर्वाह्न साढ़े नौ बजे तक यह पाठ होगा। पुनः साढ़े नौ बजे से अपराह्न साढ़े तीन बजे तक श्रीराम नाम संकीर्तन एवं


अपराह्न साढ़े तीन बजे से सायं साढ़े छह बजे पुनः हनुमान चालीसा व सुंदर काण्डका पाठ किया जाएगा। छह नये पुजारियों को लेकर एक जून से तय होगा नया रोस्टर राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के


साथ दस नये पुजारियों की नियुक्ति विधिवत प्रशिक्षण के उपरांत की गयी। सात देशों का समय देने वाली घड़ी भेंट की राम मंदिर में सात देशों का एक साथ समय बताने वाली दीवार घड़ी एक श्रद्धालु की ओर से


भेंट की गयी। लखनऊ निवासी अनिल कुमार साहू ने इस घड़ी का निर्माण किया है और इसको पेटेंट भी कराने का दावा किया है। उनका कहना है कि यह दुनिया की एक अनोखी घड़ी है। वह यह घड़ी रामलला की


प्राण-प्रतिष्ठा के समय ही तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय को भेंट कर चुके हैं। बताया गया कि यह घड़ी एक साथ भारत, दुबई, टोक्यो, मास्को, सिंगापुर थी। इसके पहले मुख्य आचार्य सत्येन्द्र दास सहित


पांच पुजारी पहले से कार्यरत थे। इस तरह चार पुराने के अलावा दस को मिला कर यहां 14 पुजारी कार्यरत हैं। इस बीच राम दरबार समेत छह अन्य मंदिरों में भी भगवान के मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा होनी


है। छह प्रशिक्षित पुजारियों को नयी नियुक्ति की गयी है। शेषावतार मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर उहापोह कायम एक जून तक शेषावतार की मूर्ति को यथास्थान स्थापित कर दिया जाना आवश्यक है। है।


इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। भगवान शेषावतार लक्ष्मण जी की मूर्ति राम दरबार की मूर्तियों के साथ ही यहां लाई जा चुकी है। इसे विराजमान रामलला के पास रखा गया है।