मधुमक्खी पालन कर रोजगार करें प्रवासी श्रमिक

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FATEHPUR NEWS - गांव घर लौटे प्रवासी श्रमिकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मंगलवार को कृषि विज्ञान केन्द्र में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मधुमक्खी पालन, शहद


उत्पादन आदि की जानकारी दी... Newswrap हिन्दुस्तान, फतेहपुरWed, 5 Aug 2020 04:14 PM Share Follow Us on __ गांव घर लौटे प्रवासी श्रमिकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मंगलवार को कृषि विज्ञान


केन्द्र में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मधुमक्खी पालन, शहद उत्पादन आदि की जानकारी दी गई। केंद्र प्रभारी डॉक्टर आरके सिंह ने प्रशिक्षण की रूपरेखा तथा केंद्र की


गतिविधियों पर प्रकाश डाला। डॉक्टर संजीव शर्मा मृदा वैज्ञानिक उपस्थित प्रवासी श्रमिक कृषकों को एकीकृत प्रणाली अपनाने पर बल दिया। साथ ही मृदा स्वास्थ्य पर प्रकाश डाला। डॉ. नौशाद आलम प्रसार


वैज्ञानिक ने मधुक्खी पालन के लिए महत्वपूर्ण बातों पर विस्तार से चर्चा की। वैज्ञानिक डॉ. देवेंद्र स्वरूप ने प्रशिक्षणार्थियों को मधुमक्खी पालन में सावधानियां, फलों परागण की कमी के दौरान


मधुमक्खियों के प्रबंधन तथा मौन डिब्बों को स्थानांतरित जगह बदलने की आवश्यकता बल दिया। प्रशिक्षण पूर्व सभी प्रशिक्षणार्थियों की थर्मल स्केनिंग के साथ साथ सभी को सामाजिक दूरी के बीच बैठाया गया।


डॉ. आरके सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि पांच डिब्बा की इकाई से वर्ष भर में 4 से 5 कुंतल शहद प्राप्त किया जा सकता है। डॉक्टर संजीव शर्मा ने बताया कि सरसों के खेत शहद के लिए सबसे बेहतर


होता है। मधुमक्खियां सदैव झुंड बनाकर रहती हैं एक झुंड में लगभग 15000 से 60000 तक मधुमक्खियां होती हैं।