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बदायूं में 28 जुलाई 2024 की रात को हिरासत में लिए गए लोगों के खिलाफ 31 जुलाई को एनडीपीएस एक्ट में दर्ज किए गए मुकदमों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। यूपी के बदायूं में 28 जुलाई 2024 की रात को
हिरासत में लिए गए लोगों के खिलाफ 31 जुलाई को एनडीपीएस एक्ट में दर्ज किए गए मुकदमों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। न्यायालय ने इस मामले को गंभीर मानते हुए बिनावर थाने के तत्कालीन प्रभारी
निरीक्षक कांत कुमार शर्मा व एसओजी टीम प्रभारी समेत 25 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और जांच सीओ स्तर से कराने का आदेश दिया है। अधिवक्ता मोहम्मद तस्लीम गाजी की ओर से दाखिल प्रार्थना
पत्र पर सुनवाई के बाद न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मौहम्म्द तौसीफ रजा ने दिया। शिकायत में कहा गया था कि बिनावर थाना पुलिस ने थाना क्षेत्र के गांव कुतुबपुर के रहने वाले मुख्तियार पुत्र
निजामुद्दीन व अलावा बिलाल, अजीत, अशरफ, तनवीर को 28 जुलाई की रात बिना किसी एफआईआर के हिरासत में लिया और तीन दिन बाद 31 जुलाई को झूठी बरामदगी दिखाकर अफीम व डोडा रखने का आरोप लगाते हुए तीन
अलग-अलग मुकदमे दर्ज कर जेल भेज दिया। शिकायत में यह भी बताया गया कि पुलिस ने गिरफ्तारी की जानकारी 30 जुलाई को ही प्रेस नोट और सोशल मीडिया के जरिए सार्वजनिक कर दी थी, जबकि एफआईआर अगले दिन 31
जुलाई को की गई थी। इस मामले की जांच जब अपर पुलिस अधीक्षक नगर ने की तो उन्होंने भी पुष्टि की कि गिरफ्तारी 30 जुलाई को हुई थी और एफआईआर 31 जुलाई को। अदालत ने इसे प्रथम दृष्टया गंभीर मामला
मानते हुए मुकदमा दर्ज कर विवेचना के आदेश दिए हैं। इन पुलिस कर्मियों पर दर्ज किया जाएगा मुकदमा जिन पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश हुआ है, उनमें तत्कालीन थाना प्रभारी कांत
कुमार शर्मा व एसओजी प्रभारी धर्मेन्द्र सिंह के अलावा उप निरीक्षक गुड्डू सिंह, शेरपाल सिंह, सुम्मेर सिंह, रामनाथ कन्नौजिया, योगेश कुमार, सुमित कुमार, विकास कुमार, शैलेन्द्र गंगवार, मोहित
कुमार, मनोज, चरन सिंह, नीरज कुमार मलिक, संजय सिंह, सचिन कुमार झा, विपिन कुमार, सचिन कुमार, मुकेश कुमार, सराफत हुसैन, आजाद कुमार, भूपेन्द्र कुमार, कुश्कान्त, अरविन्द कशाना और मनीष कुमार शामिल
हैं। प्रभारी निरीक्षक ने 26 किलो 600 ग्राम डोडा में दिखाई थी गिरफ्तारी थाना बिनावर के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक कांत कुमार शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने अजीत और अशरफ नाम के युवकों को 28
जुलाई 2024 की रात हिरासत में लेकर तीन दिन तक थाने में रखा और फिर 31 जुलाई को उनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज कर 26 किलो 600 ग्राम डोडा की झूठी बरामदगी दिखा दी। इंस्पेक्टर क्राइम ने
दिखाई थी 32 किलो 800 में गिरफ्तारी तत्कालीन इंस्पेक्टर क्राइम गुड्डू सिंह पर आरोप है कि उन्होंने 28 जुलाई 2024 की रात मुख्तियार पुत्र निजामुद्दीन और बिलाल उर्फ सद्दाम को हिरासत में लेने के
बाद 31 जुलाई को कुतुबपुर थरा तिराहे से गिरफ्तारी दिखाते हुए 32 किलो 800 ग्राम डोडा छिलका की झूठी बरामदगी दर्शाई थी एक दिन में दर्ज की गईं थी दो एफआईआर बिनावर पुलिस ने 31 जुलाई 2024 को एक ही
दिन में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज कीं, जिनमें अलग-अलग आरोपियों के खिलाफ भारी मात्रा में डोडा छिलका बरामद दिखाया गया। पहली एफआईआर में अजीत और अशरफ के खिलाफ 26 किलो 600 ग्राम डोडा, जबकि दूसरी
एफआईआर में मुख्तियार और बिलाल उर्फ सद्दाम के खिलाफ 32 किलो 800 ग्राम डोडा छिलका बरामद दिखाया गया। दोनों ही मामलों में गिरफ्तारी की सूचना पुलिस ने पहले ही 30 जुलाई को प्रेस नोट और सोशल मीडिया
पर जारी कर दी थी, जिससे पूरे घटनाक्रम पर सवाल खड़े हो गए हैं।