Ias अधिकारी इंद्र सिंह राव को acb ने किया गिरफ्तार, रिश्वत लेने का है आरोप

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राजस्थान के आईएएस अधिकारी इंद्र सिंह राव को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बुधवार शाम को गिरफ्तार कर लिया। पिछले सप्ताह बांरा कलेक्टर के पद पर रहते हुए इंद्र सिंह राव पर रिश्वत लेने का


आरोप लगा... राजस्थान के आईएएस अधिकारी इंद्र सिंह राव को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बुधवार शाम को गिरफ्तार कर लिया। पिछले सप्ताह बांरा कलेक्टर के पद पर रहते हुए इंद्र सिंह राव पर


रिश्वत लेने का आरोप लगा था।  एसीबी ने जांच में आवश्यक दस्तावेज जुटाकर उन्हें गिरफ्तार किया है। एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एमएन ने राव की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हें


बुधवार सुबह जयपुर स्थित एसीबी के मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। नौ दिसंबर को एसीबी की कोटा टीम ने राव के पीए महावीर नागर को 1.40 लाख


रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। नागर ने एक पेट्रोल पंप की जमीन के लिए एनओसी देने के बदले में पैसे लिए थे। पूछताछ में नागर ने खुलासा किया था कि एनओसी जारी करने के एवज में कलेक्टर


के लिए ही पैसे लिए थे। कलेक्टर ने ही कहा था कि तुम पैसे ले लेना। उस समय एसीबी ने मुकदमा दर्ज कर लिया था। पीए को गिरफ्तार करने के साथ ही राव से 10 घंटे तक पूछताछ की थी, उनका मोबाइल फोन भी


जब्त किया था। एसीबी की कार्रवाई के तत्काल बाद सरकार ने राव को एपीओ (पदस्थापन आदेश की प्रतीक्षा) में कर दिया था। कलेक्ट्रेट कार्यालय में रिश्वत का खेल राजस्थान के बांरा जिले में एक लाख 40


हजार की रिश्वत लेने के मामले मे जिला कलेक्टर इंद्र सिंह राव के शामिल होने की बात सामने आई थी। राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की अब तक की जांच और कलेक्टर व उसके पीए महावीर नागर से हुई


पूछताछ में सामने आया कि कलेक्ट्रेट कार्यालय में रिश्वत का खेल पिछले छह माह से चल रहा था। उधर, एसीबी ने नागर को कोर्ट में पेश किया , जहां से उसे रिमांड पर भेज दिया। इस दौरान नागर ने साफ कहा


कि मैंने कलेक्टर के लिए पैसे लिए थे। जांच में नागर के पास सात भूखंड, एक मकान, आठ बैंक खाते, दो लॉकर और सात वाहन मिले हैं। एसीबी के महानिदेशक बीएल सोनी ने बताया कि विभाग की कोटा यूनिट को


शिकायत मिली थी कि एक पेट्रोल पंप की एनओसी जारी करने के लिए कलेक्टर का पीए रिश्वत मांग रहा है। शिकायत को वेरिफाई करवाया गया। इसके बाद कोटा एसीबी की टीम ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चंद्रशील


ठाकुर की अगुवाई में नागर को पैसे लेते हुए बुधवार रात गिरफ्तार किया गया। अभी जांच जारी है। हमेशा विवादों में रहे कलेक्टर बांरा कलेक्टर इंद्र सिंह राव मूल रूप से राज्य प्रशासनिक सेवा के


अधिकारी है। प्रमोशन के बाद वे आइएएस अफसर बने थे। 31 साल की नौकरी में विभिन्न पदों पर रहते हुए राव हमेशा विवादास्पद रहे।