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कोटपूतली-बहरोड़ जिले में सोमवार को केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का पहला दौरा बेहद सख्त और स्पष्ट संदेशों के साथ शुरू हुआ बैठक में उन्होंने अधिकारियों को दो टूक शब्दों में चेतावनी दी कि
केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही, देरी या ढिलाई अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कोटपूतली-बहरोड़ जिले में सोमवार को केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का पहला दौरा बेहद
सख्त और स्पष्ट संदेशों के साथ शुरू हुआ। जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में आयोजित जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में उन्होंने अधिकारियों को दो टूक शब्दों में चेतावनी दी कि
केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही, देरी या ढिलाई अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कोटपूतली पहुंचने पर केंद्रीय मंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद उन्होंने सीधे
बैठक में अधिकारियों से विभागवार योजनाओं की प्रगति और जमीनी हकीकत का फीडबैक लिया। इस बैठक में जिले की चारों विधायक भी उपस्थित रहे। भूपेंद्र यादव ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा,
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्पष्ट विजन है कि सरकार की हर योजना अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। कोई योजना कागज़ों में नहीं, ज़मीन पर दिखनी चाहिए। जनता को सीधा लाभ मिले, यही सरकार की प्राथमिकता
है। कोई भी अधिकारी यह न भूले कि वह जनता की सेवा के लिए नियुक्त है, न कि फाइलों में उलझाने के लिए।” उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा, पेयजल, सड़क और महिला सशक्तिकरण जैसी मूलभूत योजनाओं पर
विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। मंत्री ने कहा कि दिशा समिति केवल एक औपचारिक बैठक नहीं है, बल्कि यह जनता के प्रति जवाबदेही तय करने का एक सशक्त मंच है। उन्होंने अधिकारियों से योजनाओं की
प्रगति रिपोर्ट का ब्योरा मांगा और जहां लापरवाही या गति में कमी दिखी, वहां फटकार लगाने में भी पीछे नहीं हटे। भूपेंद्र यादव ने यह भी साफ किया कि अब योजनाओं की प्रगति सिर्फ़ रिपोर्टिंग से नहीं
मापी जाएगी, बल्कि जमीनी हकीकत से तय होगी कि किस अधिकारी ने कितनी गंभीरता से काम किया है। केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि जो अधिकारी योजनाओं को गंभीरता से लागू नहीं कर रहे हैं, उनके
खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने यह भी हिदायत दी कि लाभार्थी सूची में किसी भी तरह की धांधली, पक्षपात या राजनीतिक हस्तक्षेप की शिकायत आई, तो सीधे जिम्मेदार अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी।
कोटपूतली के इस दौरे ने अधिकारियों को यह संदेश दे दिया कि अब काम दिखना चाहिए, सिर्फ बातें नहीं। योजनाएं सिर्फ़ आंकड़ों में नहीं, जनता की ज़िंदगी में सुधार के रूप में दिखनी चाहिए — यही अब
केंद्र की प्राथमिकता है।