कोटा में बैंक की महिला मैनेजर ने किया करोड़ों का घोटाला, खातों से पार किए रुपए, यूं खुला पूरा मामला

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मामले की जानकारी देते हुए उद्योगनगर थानाधिकारी जितेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि बैंक मैनेजर साक्षी गुप्ता मूल रूप से रावतभाटा की रहने वाली है। Sourabh Jain लाइव हिन्दुस्तान, कोटा,


राजस्थानWed, 4 June 2025 06:40 PM Share Follow Us on __ राजस्थान के कोटा जिले में स्थित ICICI बैंक की एक ब्रांच में करोड़ों रुपए के घोटाले का खुलासा हुआ है। यहां एक मैनेजर ने बैंक के


ग्राहकों से धोखाधड़ी करते हुए उनके खातों से करोड़ों रुपए चुराते हुए अन्य अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए और उन्हें शेयर मार्केट में लगा दिया। इस मामले की जानकारी बैंक को तब लगी जब एक खाताधारक अपनी


एफडी की जानकारी लेने बैंक आया। इसके बाद हुई जांच में आरोपी महिला मैनेजर द्वारा बैंक की श्रीराम नगर शाखा के ग्राहकों के खातों से 4.60 करोड़ रुपए चुराने का पता चला। जिसके बाद बैंक की तरफ से


फरवरी 2025 में उद्योग नगर थाने में इस बारे में शिकायत दर्ज कराई गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार बैंक में रिलेशनशिप मैनेजर साक्षी गुप्ता ने इस वारदात को साल 2020 से 2023 के बीच अंजाम दिया था।


आरोपी महिला ने ज्यादा मुनाफे के लालच में सारा पैसा शेयर मार्केट में निवेश कर दिया। लेकिन इसमें से ज्यादातर पैसा वहां डूब गया। मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने जांच की और आरोपी महिला बैंक


मैनेजर गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार ग्राहकों के अकाउंट से पैसे निकालते समय आरोपी महिला ने खातों में उनके मोबाइल नंबर तक बदल दिए थे, ताकि उन तक ट्रांजेक्शन का मैसेज ना पहुंच


सके। मामले की जानकारी देते हुए उद्योगनगर थानाधिकारी जितेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि बैंक मैनेजर साक्षी गुप्ता मूल रूप से रावतभाटा की रहने वाली है। FIR के अनुसार आरोपी महिला ने बैंक के करीब


43 ग्राहकों के 100 से ज्यादा खातों से रकम निकाली थी। जिसके बाद इस राशि को उसने शेयर बाजार में लगा दिया। ग्राहकों को ट्रांजेक्शन का पता न लगे इसके लिए उसने चालाकी से ग्राहकों के मोबाइल नंबर


तक बदल दिए। उसने ग्राहकों के डेबिट कार्ड, पिन और ओटीपी का गलत इस्तेमाल कर ये सारे लेन-देन किए। पुलिस ने बताया कि इस घोटाले का पता तब चला, जब एक ग्राहक ने डेढ़ लाख रुपए के अपने फिक्स्ड


डिपॉजिट के बारे में बैंक से जानकारी मांगी। जांच करने पर पता चला कि ग्राहक की अनुमति के बिना यह राशि अन्य खाते में ट्रांसफर कर दी गई थी। इतना ही नहीं आरोपी मैनेजर ने अवैध रूप से 40 खातों पर


ओवरड्राफ्ट की सुविधा भी शुरू कर दी थी। 31 ग्राहकों की एफडी समय से पहले मैच्योर कर दी और इसमें से 1 करोड़ 34 लाख 90 हजार 254 रुपए दूसरे खाते में ट्रांसफर कर दिए। इसी प्रकार साल 2023 में एक


बुजुर्ग महिला के खाते से तीन करोड़ रुपए की निकासी कर दी गई। अधिकतर लेनदेन कियोस्क और डिजिटल बैंकिंग माध्यम से किए गए।