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कोरोना वायरस के कहर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोक कल्याण मार्ग में कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की। इस कैबिनेट बैठक के दौरान सोशल डिस्टेंग का वह नजारा भी देखने को मिला,
जिसकी अपील... कोरोना वायरस के कहर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोक कल्याण मार्ग में कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की। इस कैबिनेट बैठक के दौरान सोशल डिस्टेंग का वह नजारा भी देखने
को मिला, जिसकी अपील कुछ दिनों से पीएम मोदी बार-बार लोगों से कर रहे हैं। मीटिंग में कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सभी मंत्री सोशल डिस्टेंसिंग का
फॉर्मूला अपनाते हुए एक दूसरे से दूर बैठे दिखे। कोरोना वायरस को लेकर राष्ट्र के नाम अपने दोनों संबोधनों में पीएम मोदी ने कोरोना वायरस महामारी से बचने और उसके रोकथाम के लिए लोगों को सोशल
डिस्टेंसिंग कायम रखने की जरूरत पर जोर दिया। किसी भी संक्रमण से खुद को सुरक्षित रखने के लिए कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखनी चाहिए। समाचार एजेंसी एएनआई ने जो वीडियो जारी किया है, उसमें
स्पष्ट तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग की झलक देखने को मिल सकती है। बैठक के दौरान पीएम मोदी और अन्य मंत्रियों के बीच अच्छा खासा फासला देखने को मिल रहा है। यहां यह तस्वीर और भी प्रासंगिक इसलिए भी हो
जाती है क्योंकि पीएम मोदी बार-बार लोगों को घरों से नहीं निकलने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को कह रहे हैं। मंगलवार को देश के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने कहा था, 'एक्सपर्ट भी कह रहे
हैं कि दुनिया भर में कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग (एक दूसरे से दूरा बनाकर रहना) ही एक मात्र तरीका है। कोरोना वायरस से निपटने का कोई और तरीका नहीं है और हमें खुद को
बचाने की जरूरत है और अगर हमें इसके संक्रमण के साइकिल को तोड़ना है तो सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाना ही होगा।' पीएम मोदी ने और क्या-क्या कहा था देश के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने कहा था,
कोरोना से निपटने की उम्मीद की किरण उन देशों से मिले जो इसे नियंत्रित कर सके। हफ्तों तक इन देशों के नागरिक घर से नहीं निकले। इन देश के लोगों ने 100 फीसदी निर्देशों का पालन किया है। तभी ये देश
महामारी से निकल रहे हैं। हमें भी मानकर निकलना चाहिए कि हमारे सामने भी एक मात्र रास्ता है। हमें घर से नहीं निकलना है। चाहे जो हो जाए घर में ही रहना है। सोशल डिस्टेंसिंग। पीएम से लेकर गांव के
छोटे नागरिक तक। कोरोना से तभी बचा जा सकता है जब घर की लक्ष्मण रेखा नहीं लांघी हो। हमें इसके चेन को तोड़ना है। साथियो, भारत आज उस स्टेज पर है जहां आज हमारे एक्शन तय करेंगे कि हम इस आपदा को
कितना कम कर सकते हैं। यह समय हमारे संकल्प को बार बार मजबूत करने का है। यह समय संयम बरतने का है। आपको याद रखना है जान है तो जहान है। यह धैर्य और अनुशासन की घड़ी है। जब तक देश में लॉकडाउन की
स्थिति है। हमें अपना संकल्प निभाना है अपना वचन निभाना है। भारत में कोरोना वायरस के अब तक के मामले देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़कर बुधवार को 562 हो गए जबकि मृतकों में एक व्यक्ति
के वायरस से संक्रमित नहीं होने का पता चलने के बाद मरने वालों की संशोधित संख्या कम होकर नौ हो गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार सुबह जारी ताजा आंकड़ों में बताया कि दिल्ली में जिस दूसरे व्यक्ति
की मौत हुई थी, वह कोविड-19 से संक्रमित नहीं था इसलिए भारत में मृतक संख्या कम होकर नौ हो गई है। कोरोना वायरस के कारण महाराष्ट्र (दो), बिहार, कर्नाटक, गुजरात, पंजाब, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और
हिमाचल प्रदेश में अब तक नौ लोगों की मौत हुई है। आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस से पीड़ित 512 लोगों का अभी उपचार चल रहा है जबकि 41 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई या वे देश से बाहर चले गए
हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इस आंकड़े में 43 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।