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मध्य प्रदेश के रीवा की एक अदालत ने 2006 के गोविंदगढ़ बस हादसे के सिलसिले में तीन लोगों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। इस दुर्घटना में ड्राइवर समेत बस में सवार 60 से ज्यादा लोग मारे गए
थे। Subodh Kumar Mishra पीटीआई, रीवाSun, 1 June 2025 08:59 PM Share Follow Us on __ मध्य प्रदेश के रीवा की एक अदालत ने 2006 के गोविंदगढ़ बस हादसे के सिलसिले में तीन लोगों को संदेह का लाभ
देते हुए बरी कर दिया। इस दुर्घटना में ड्राइवर समेत बस में सवार 60 से ज्यादा लोग मारे गए थे। 19 अक्टूबर 2006 को रजिस्ट्रेशन नंबर ( MKA 3163) वाली बस जिगना से रीवा जाते समय गोविंदगढ़ तालाब में
गिर गई थी। मरने वालों में बस का ड्राइवर भी शामिल था। प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट पन्ना नागेश ने शुक्रवार को सबूतों के अभाव में बस के मालिक अजय प्रताप सिंह (52), रमेश तिवारी (42) और
श्रीनिवास तिवारी (60) को बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष के साक्ष्यों से यह साबित नहीं हो सका कि घटना के समय बस को तेज गति और लापरवाही से चलाया जा रहा था। इसके अलावा बस के चालक की
भी दुर्घटना में मौत हो गई थी। अदालत ने तीनों को भारतीय दंड संहिता और मोटर वाहन अधिनियम के तहत बरी करते हुए कहा कि इन परिस्थितियों में यह नहीं पाया जा सका कि दुर्घटना के दिन बिना पंजीकरण के
बस चलाने में आरोपियों की कोई भूमिका थी। आरोपियों के वकील राजीव सिंह शेरा ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल रहा कि बस के पास वैध फिटनेस और परमिट दस्तावेज थे या नहीं। उन्होंने कहा
कि इस आधार पर अदालत ने मालिक और कंडक्टरों को बरी कर दिया।