पहली बार हवाई जहाज से आए 174 प्रवासी मजदूर

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लॉकडाउन में मुंबई में फंसे प्रवासी मजदूरों की हवाई उड़ान का सपना पहली बार पूरा हुआ। गुरुवार को  8.21 बजे मुंबई से 174 प्रवासी मजदूर चार्टर्ड विमान से रांची एयरपोर्ट पर उतरे। हवाई जहाज के


उड़ान... Abhishek Kumar रांची। वरीय संवाददाता, Fri, 29 May 2020 12:39 PM Share Follow Us on __ लॉकडाउन में मुंबई में फंसे प्रवासी मजदूरों की हवाई उड़ान का सपना पहली बार पूरा हुआ। गुरुवार को


  8.21 बजे मुंबई से 174 प्रवासी मजदूर चार्टर्ड विमान से रांची एयरपोर्ट पर उतरे। हवाई जहाज के उड़ान भरने के दौरान हुई अनुभूतियों को मजदूर काफी रोमांचित हुए। रांची एयरपोर्ट से बाहर निकर कर कई


लोगों ने जमीन पर बैठकर अपनी धरती को प्रणाम किया। झारखंड आने की आस में कई दिनों से जुगाड़ कर रहे इन श्रमिकों ने यहां तक लाने में मदद करनेवाली संस्था के प्रति आभार जताया। हालांकि कई श्रमिकों


को यह भी पता नहीं था कि उन्हें लाने वाली संस्था का नाम क्या है। वहीं कुछ मजदूरों ने इसके लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की। जांच के बाद होम कोरंटाइन का निर्देश इससे पहले फेश शील्ड पहन कर आए


सभी मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। अधिकारियों ने एयरपोर्ट में होम कोरंटाइन का मुहर लगाकर उन्हें रवाना किया गया। बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर श्रमिकों के स्वागत के लिए नाश्ते के पैकेट और पानी


के बोतल देकर उनका स्वागत किया गया। इसके बाद बसों से उनके जिलों के लिए रवाना कर दिया गया। इस दौरान जिला परिवहन अधिकारी संजीव कुमार स्वयं यहां पहुंचकर प्रवासियों के लिए बसों की व्यवस्था की।


अल्यूमिनी ऑफ नेशनल लॉ स्कूल ने की मदद ग्रुप ऑफ अल्यूमिनी ऑफ नेशनल ला स्कूल बेंगलुरू ने इन सभी प्रवासियों को रांची लाने में मदद की है। संस्था ने इन मजदूरों की घर वापसी के लिए इकट्ठा किया। तब


जाकर मुंबई से मजदूर झारखंड लौटे हैं। इसमें सुहान मुखर्जी, प्रियंका राय, अरकजा सिंह, शैल त्रेहान, प्रिया शर्मा, एन शुभामंडल ने इस प्रयास को संभव बनाया। उड़ान भरने के समय घबराया शंकर मुंबई में


टाइल्स फीटर का काम करनेवाला शंकर मंडल ने बताया कि उसने तो सपने में भी नहीं सोचा था कि वह एक दिन हवाई जहाज से उड़कर वह रांची पहुंचेगा। वह कई बार अपने सर के ऊपर विमानों को उड़ते हुए देखा है।


लेकिन इसमें चढ़ने की बात सोची नहीं थी। गुरुवार की सुबह जब विमान मुंबई से उड़ान भरने लगा तो वह काफी घबड़ा गया था। लेकिन हवाई जहाज जब हिलते-डुलते उपर आसमान में स्थिर हो गया। तब उसने अन्य लोगों


की तरफ देखा और आश्वस्त हो गया। वह हजारीबाग रोड का रहनेवाला है। उसके साथ उसके कई रिश्तेदार भी साथ में आए हैं। कोरोना के कारण मुंबई में उसे काफी परेशानी हुई। वहां इस बिमारी का प्रकोप बढ़ रहा


है। काम बंद था। इसलिए वह अपने परिवार के साथ रांची लौट आया। माथे पर सामान लेकर बाहर निकली महिला प्रवासी बसों से निकलनेवाले मजदूर अपने माथे पर ही सामान लेकर बाहर निकले। इसमें अपने चार छोटे


बच्चों के साथ आ रही छोटी देवी माथे पर सामान रखकर एयरपोर्ट के अंदर से बाहर निकली। उसने कहा कि वहां वह चाय बेचकर जीविकोपार्जन करती थी। कोरोना के कारण वहां रहना मुश्किल हो गया था।