यूक्रेन ड्रोन अटैक की रूस ने भी की पुष्टि, कहा- हमले के बाद विमानों में लगी आग

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रविवार को यूक्रेन ने रूस के कम से कम चार एयरबेस पर एक साथ हमला किया, जिसमें कम से कम 40 विमानों को तबाह कर दिया। रूस ने भी बड़े हमले की बात स्वीकार कर ली है। Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तानSun,


1 June 2025 11:01 PM Share Follow Us on __ यूक्रेन ने रूस पर बड़ा ड्रोन हमला किया। उसने इस ऑपरेशन को "स्पाइडरवेब" नाम दिया है। इस हमले में रूस के 4 सैन्य हवाई अड्डों बेलाया,


ओलेन्या, ड्यागिलेवो और इवानोवो क्षेत्र को एक साथ निशाना बनाया गया। रूस ने भी हमले की बात स्वीकार कर ली है। रूस ने बयान में कहा कि यूक्रेन ने उसके सैन्य हवाई अड्डों पर बड़े ड्रोन अटैक किए गए,


जिससे उसके विमानों में आग लग गई थी। इससे पहले यूक्रेन ने दावा किया था कि उसने हमलों में कम से कम 40 बमवर्षक रूसी विमानों को तबाह किया। यूक्रेन का रूसी धरती पर यह भीषण हमला तब हुआ है, जब एक


दिन पहले रूसी सेना ने यूक्रेन के पांच शहरों पर लगातार 9 घंटे मिसाइल और ड्रोन अटैक किया। रूसी हमलों में कम से कम 12 यूक्रेनी सैनिक मारे गए थे। यूक्रेनी हमलों में कई रूसी उन्नत विमान


क्षतिग्रस्त यूक्रेन की खुफिया एजेंसी (SBU) का दावा है कि उसके ऑपरेशन में रूस के 40 से ज्यादा लड़ाकू और बमवर्षक विमान या तो बर्बाद हो गए या बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए। इनमें Tu-95 और Tu-22


जैसे बड़े बमवर्षक और A-50 जैसे निगरानी विमान शामिल हैं। ये भी पढ़ें:ट्रक से रूस पहुंचाए गए ड्रोन, फिर एयरबेस पर हुआ हमला; यूक्रेन के अटैक की कहानी ये भी पढ़ें:यूक्रेन के ड्रोन हमले में रूसी


एयरबेस धुआं-धुआं, बम बरसाने वाले 40 विमान तबाह ये भी पढ़ें:रूस 9 घंटों तक बरसाता रहा मिसाइल, 12 यूक्रेनी सैनिक मारे; 5 शहरों में तबाही रूस ने भी स्वीकारी हमले की बात रॉयटर्स के मुताबिक, रूसी


रक्षा मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि 1 जून को यूक्रेन द्वारा किए गए ड्रोन हमलों में रूस के मुरमान्स्क और इरकुत्स्क क्षेत्रों में स्थित सैन्य हवाई अड्डों पर कई विमान आग की चपेट में आ गए।


मंत्रालय के अनुसार, इन हमलों में कुछ विमानों में आग लग गई, जिसे बिना किसी हताहत के बुझा दिया गया। इसके अलावा, हमलों में शामिल कुछ व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है। रूस ने इन हमलों को


"आतंकी हमला" करार दिया है। ये घटनाएं उस वक्त हुई हैं जब इस्तांबुल में यूक्रेन और दूसरे देशों के बीच शांति वार्ता होनी है। यानी जंग की आग के बीच एक और कोशिश शांति की।