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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि बिहार के ऐतिहासिक, धार्मिक, शैक्षणिक, पुरातात्विक, वैज्ञानिक स्थलों को एक साथ चिन्हित कर काम करें। इससे पर्यटन की और संभावनाएं
विकसित होंगी।... Malay Ojha पटना, हिन्दुस्तान टीम, Fri, 21 Aug 2020 07:54 AM Share Follow Us on __ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि बिहार के ऐतिहासिक, धार्मिक,
शैक्षणिक, पुरातात्विक, वैज्ञानिक स्थलों को एक साथ चिन्हित कर काम करें। इससे पर्यटन की और संभावनाएं विकसित होंगी। बिहार में पर्यटन की संभावनाओं को विकसित करने की अभी काफी गुंजाइश है।
मुख्यमंत्री के समक्ष एक अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधान सचिव पर्यटन विभाग संजय कुमार ने बिहार पर्यटन नीति के संबंध में विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। राज्य में आने वाले पर्यटकों की संख्या तीन करोड़ से ज्यादा है। राजगीर, बोधगया और वैशाली में सबसे ज्यादा विदेशी पर्यटक आते हैं। रोजगार
सृजन में पर्यटन की महत्वपूर्ण भूमिका है। बिहार में पर्यटन को और बढ़ावा देने के लिए कई कार्य किये जा रहे हैं। यहां धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं अन्य बेहतर स्पॉट हैं, जिन्हें चिन्हित कर
लोगों को जानकारी उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने कहा कि ईको टूरिज्म को लेकर भी कई कार्य किये गये हैं। ईको टूरिज्म के लिये भी बहुत सारी जगहों को विकसित किया गया है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु
परिवर्तन विभाग इसके लिये अलग सोसायटी बनाकर इसका संरक्षण करेगी। उन्होंने कहा कि पहले प्रकाश पर्व में कितने लोग आते थे और आज कितने लोग आ रहे हैं। साइंस सिटी का निर्माण किया जा रहा है। बिहार
म्यूजियम को देखने के लिये बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं। पटना म्यूजियम का भी विस्तार किया जा रहा है। इन सब जगहों पर पर्यटन की काफी संभावनाएं हैं। मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिये
खानकाह-ए-मुजीबिया, खानकाह-ए-मुनीमिया और मनेरशरीफ में भी सुविधाएं बढ़ायी गयी है। उन्होंने कहा कि बिहार में कई ऐसे ऐतिहासिक विरासत हैं, जिसे भी काफी लोग देखने समझने आते हैं। पर्यटकों की सुविधा
के लिए अच्छी सड़कों के निर्माण के साथ-साथ अन्य व्यवस्थाओं को भी विकसित किया गया है।