कोरोना का साइड इफेक्ट : सहरसा, सुपौल व मधेपुरा में डाकिया से डाक लेने को लोग तैयार नहीं

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कोरोना संक्रमण के खौफ से डाकिया से डाक लेने को लोग तैयार नहीं हो रहे हैं। यह परेशानी कोसी क्षेत्र के सहरसा, सुपौल और मधेपुरा तीनों जिले... Newswrap हिन्दुस्तान, सहरसाThu, 16 April 2020 11:10


PM Share Follow Us on __ कोरोना संक्रमण के खौफ से डाकिया से डाक लेने को लोग तैयार नहीं हो रहे हैं। यह परेशानी कोसी क्षेत्र के सहरसा, सुपौल और मधेपुरा तीनों जिले में बनी है। डाक अधीक्षक


दिलीप कुमार दास ने गुरुवार को कहा कि बिना शुल्क के डाकिया द्वारा खाताधारी को पहुंचाने वाले अधिकतम 10 हजार रुपये तक का भुगतान लोग लेते हैं लेकिन कोरोना संक्रमण के खौफ से डाक नहीं ले रहे हैं।


कई लोग तो डाकिया के दरवाजा खटखटाते पूछकर खोलते ही नहीं। इस कारण सहरसा, सुपौल और मधेपुरा जिले स्थित डाकघरों में स्पीड पोस्ट, रजिस्ट्री जैसे डाक पड़े हैं। अगर यही हाल रहा तो डाक को वापस उन


जगहों को वापस करना पड़ेगा जहां से वह आया है। उन्होंने कहा कि डाक को आने के बाद अभी डाकघर में एक दिन रखकर खोला जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता क्योंकि 12 घंटे के बाद कोरोना का संक्रमण नहीं रहता।


उन्होंने कहा कि इस कारण लोगों से अपील है कि बिना किसी खौफ के डाक लें। 23 दिनों के बाद सरकारी कार्यालयों में डाक देने की व्यवस्था बहाल : कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने को लेकर लागू लॉकडाउन


के कारण सरकारी कार्यालयों में डाक देने की व्यवस्था बंद थी। वह अब 23 दिनों के बाद चालू हो गई है। डाक अधीक्षक ने कहा कि सरकारी कार्यालयों को भेजी जाने वाली ब्लफ डाक बुकिंग/डिलीवरी की व्यवस्था


बुधवार से शुरू हो गई है। सहरसा, सुपौल और मधेपुरा तीनों जिले के परिवहन विभाग को ब्लफ बुकिंग की सुविधा दी जाने लगी है। आठ हजार लोगों के घरों तक पहुंचाएं पैसे : लॉकडाउन के दौरान डाकिया ने


सहरसा, सुपौल और मधेपुरा जिले के आठ हजार लोगों के घरों पर पैसे पहुंचाएं हैं। डाक अधीक्षक ने कहा कि बिना शुल्क के डाकिया ने आधार इनेबल पेमेंट किए हैं। इसमें डाकघर और बैंकों के खाताधारी के घरों


तक पहुंचकर अधिकतम 10 हजार रुपये तक का भुगतान किया गया है। प्रधान डाकघर सहरसा के पोस्टमास्टर मुकेश कुमार मिश्र ने कहा कि 12 अप्रैल तक सहरसा में 21 लाख 81 हजार 629 रुपये का लोगों के घरों तक


पहुंचकर डाकिया ने उपलब्ध कराया है। इस सुविधा के कारण लोगों को बैंक या डाकघर जाने की जरूरत नहीं पड़ी।