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मुंबई में सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक में सोने के मूल्यांकनकर्ता के रूप में कार्यरत एक व्यक्ति को ग्राहकों से मिले सोने के निरीक्षण के बहाने 3.77 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के लिये गिरफ्तार
किया गया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने बताया कि यहां एंटॉप हिल के निवासी रामास्वामी नादर बीते दो साल से इंडियन बैंक की धारावी शाखा में काम कर रहा था। इसके अलावा वह
गहनों की दुकान भी चलाता था। अधिकारी ने कहा, “हाल ही में जब बैंक ने अपनी कुछ संपत्तियों को बेचने के लिये के लिये 77 पैकेटों में रखे सोने के सामानों के लॉकर खोले तो पाया कि सोना नकली था। बैंक
ने तुरंत धारावी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई।” धारावी पुलिस के वरिष्ठ निरीक्षक सुरेश पाटिल ने कहा कि जांच की सुईं नादर पर टिकी जिसने शुरुआत में घोटाले में अपनी भूमिका से इनकार करने के बाद
स्वीकार किया कि उसने दादर से नकली आभूषण खरीदे थे और बैंक को चूना लगाने के लिये 12 नकली ग्राहक बनाए थे। पाटिल ने कहा, “नादर का काम गोल्ड लोन लेने वालों को मूल्य प्रमाणपत्र जारी करना था। उसने
12 लोगों को अपना ग्राहक दिखाने के लिये पैन और आधार कार्ड जैसे दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। इसके बाद इन ग्राहकों ने बैंक में नकली सोना जमा कराया और नादर ने धोखाधड़ी कर उन्हें प्रमाण पत्र जारी
किये।” पुलिस सूत्रों ने कहा कि इन ग्राहकों को सोने के बदले कर्ज के तौर पर 3.77 करोड़ रुपये दिये गए और फिर नादर ने इसमें से कुछ राशि उन नकली ग्राहकों को देकर उनसे सारा पैसा हड़प लिया। पाटिल ने
कहा, “उसने उस पैसे से घर, कार और मोटरसाइकिलें खरीदीं। पैसा वसूली की प्रक्रिया जारी है। हमने उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया है और घोटाले में उसकी मदद करने
वाले 12 लोगों की तलाश जारी है।”