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जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें मालूम था कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन करना आत्मघाती होगा। बता दें, साल
2015 में जम्मू-कश्मीर में PDP और भाजपा ने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत एक साथ आकर जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाई थी। उस समय जम्मू-कश्मीर के जम्मू क्षेत्र में बीजेपी को काफी सीटें मिली थी और
कश्मीर में पीडीपी ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया था। महबूबा मुफ्ती कहती हैं कि ‘हम ये जानते थे कि बीजेपी के साथ गठबंधन करना हमारी पार्टी के लिए आत्मघाती होगा लेकिन हमने सबकुछ दांव पर लगाया।
हमें लग रहा था कि जब हम बीजेपी के साथ सरकार बनाएंगे तो प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान के साथ बातचीत करेंगे। अटल बिहारी वाजपेयी ने जिसकी शुरुआत की थी मोदी उसे आगे बढ़ाएंगे।’ महबूबा मुफ्ती ने
वाजपेयी और मुफ्ती सईद के समय को बताया ‘स्वर्णिम काल’ मुफ्ती ने आगे कहा, ‘जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे और मेरे पिता मुफ्ती साहब जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे तब लोगों को ये संदेश
जाता था कि केंद्र और राज्य दोनों एक साथ हैं। 2002 से 2005 का समय ‘स्वर्णिम काल’ था।’ महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी के पास जो जनादेश था, वो अटल जी के पास नहीं था। बीजेपी के साथ
गठबंधन करते समय हम लोगों ने सोचा था कि अगर वो कश्मीर के दुख-दर्द का हल कर सकते हैं तो हमें इस बात की चिंता नहीं करनी चाहिए की हमारी पार्टी (PDP) का अंत होगा जाएगा।’ गौरतलब है कि इसी साल
बीजेपी-पीडीपी का गठबंधन कई मतभेदों के कारण टूट गया था। जिसके कुछ महीने बाद जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस-पीडीपी-नेशनल कॉन्फ्रेंस एक साथ आकर सरकार बनाने जा रही थी। लेकिन जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल
सत्यपाल मलिक ने खरीद-फरोख्त की बात करते हुए जम्मू-कश्मीर विधानसभा को भंग कर दिया था। फिलहाल वहां पर राज्यपाल शासन लागू है। उम्मीद की जा रही है कि जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव के साथ
विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं।