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सरकार ने आज कहा कि जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के राज्य विधानसभा के शांतिपूर्ण चुनाव का श्रेय पाकिस्तान और अलगाववादी हुर्रियत को देने संबंधी बयान का समर्थन करने का सवाल ही
पैदा नहीं होता और पूरी लोकसभा की यही भावना है। इस मुद्दे पर एकजुट विपक्ष ने लोकसभा में आज लगातार दूसरे दिन सरकार को निशाने पर लिया और इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्पष्टीकरण
देने तथा सदन द्वारा निंदा प्रस्ताव पारित करने की मांग की। विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करना पड़ी। दो बार के स्थगन के बाद पौने बारह बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में दिये गए अपने कल के बयान को दोहराया। उन्होंने कहा ‘‘सदस्यों ने मुफ्ती के बयान पर चिंता व्यक्त की है और प्रश्न खड़ा किए हैं। इस बारे में हम कह चुके हैं कि
हमारी सरकार और पार्टी (भाजपा) सईद के बयान से अपने आप को पूरी तरह से अलग करती है। हमारी सरकार और हमारे दल द्वारा इसे स्वीकार करने का प्रश्न ही नहीं उठता।’’ उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में
शांतिपूर्ण चुनाव कराने का श्रेय राज्य की जनता, सुरक्षा बलों एवं चुनाव आयोग को जाता है। राज्य के मुख्यमंत्री के बयान का समर्थन करने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। इस पर स्पीकर सुमित्रा महाजन
ने कहा, ‘‘गृह मंत्री ने पूरे सदन की इच्छा को प्रकट किया है।’’ संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा, ‘‘यह सदन की भावना है और अब आगे बढ़ा जाए।’’ गृह मंत्री, स्पीकर और संसदीय कार्य मंत्री
के बयानों के बाद सदन में सामान्य रूप से कामकाज शुरू हो गया। उल्लेखनीय है कि रविवार को पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के कुछ देर बाद मुफ्ती ने अपने विवादास्पद
बयान में कहा था कि राज्य विधानसभा के शांतिपूर्ण चुनाव का श्रेय पाकिस्तान और अलगाववादी हुर्रियत को जाता है। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री के विवादास्पद बयान पर आज तृणमूल के सौगत राय और कांग्रेस
के दीपेन्द्र हुड्डा तथा के सी वेणुगोपाल ने कार्यस्थगन का नोटिस दिया था। स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिसों को अस्वीकार करते हुए राय एवं हुड्डा को अपनी बात रखने का मौका
दिया। सौगत राय ने कहा कि जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री ने राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव कराने का श्रेय पाकिस्तान और हुर्रियत को दिया है। सरकार उनके इस बयान से अपने को कल अलग कर चुकी है। गृह
मंत्री कल कह चुके है कि मुख्यमंत्री ने इस बारे में प्रधानमंत्री से बात नहीं की और राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव का श्रेय जनता, सुरक्षा बलों एवं चुनाव आयोग को जाता है। राय ने कहा कि हम गृह
मंत्री के बयान को स्वीकार करते हैं और ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री गलत बात कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री को स्पष्टीकरण देना चाहिए। कांग्रेस के दीपेन्द्र
हुड्डा ने कहा कि जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री ने कल फिर कहा कि वह अपने उस बयान पर कायम हैं जिसमें उन्होंने राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव कराने का श्रेय पाकिस्तान और हुर्रियत को दिया है। यह
आश्चर्यजनक है कि हमारे एक राज्य का मुख्यमंत्री पाकिस्तान को श्रेय दे रहा है और यह भी कह रहा है कि उन्होंने अपने इस विचार के बारे में प्रधानमंत्री को भी बताया है। उन्होंने कहा कि अब अफजल गुरू
का स्मारक बनाने की बात भी की जा रही है। ऐसे में मुफ्ती के बयान से सरकार द्वारा दूरी बनाने लेने भर से काम नहीं चलेगा। हुड्डा ने कहा, ‘‘इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। सदन में इसके खिलाफ निंदा
प्रस्ताव पारित किया जाए। जम्मू कश्मीर में भाजपा-पीडीपी की गठबंधन सरकार है।’’ सदन की आज की कार्यवाही शुरू होने पर इस मुद्दे पर कांग्रेस, तृणमूल, वामदल, राकांपा समेत विपक्षी दलों के सदस्य
नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए। विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।