छगन भुजबल के 16 ठिकानों पर छापे

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महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री और लोक निर्माण विभाग मंत्री रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता छगन भुजबल को मंगलवार को तगड़ा झटका लगा। उनके मुंबई, ठाणे, नाशिक, येवला, मनमाड और


लोणावला स्थित घरों और दफ्तरों पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने मंगलवार सुबह छापे मारे। ब्यूरो के अधिकारियों ने भुजबल के 16 ठिकानों पर छापे मार कर कई महत्त्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए।


छापे की कार्रवाई सुबह नौ बजे के बाद शुरू हुई। एसीबी की ओर से जारी प्रेस बयान के मुताबिक मुंबई में भुजबल के छह ठिकानों-वरली, माझगांव, चर्चगेट, सागर मंदिर शिवाजी पार्क, सार्इं कुंज दादर,


सॉलिटेयर सांताक्रुज और ठाणे में लाजवंती बंगले, बेलापुर में मारुति पैराडाइज पर छापे मारे गए। नाशिक में ब्यूरो ने दो ठिकानों- चंद्राई बंगले, भुजबल पैलेस, येवला और मनमाड़ में बंगले और


कार्यालयों, लोणावला में हैलीपेड वाले 65 एकड़ के बंगले व संगमवाड़ी के ग्राफिकॉन आर्केड में छापे मारे । ब्यूरो ने कुल 15 जगहों पर तलाशी ली। इन छापों में ब्यूरो को क्या मिला, यह अभी तक सार्वजनिक


नहीं किया गया है। भुजबल पर दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सदन व मुंबई की दो सरकारी इमारतों और कलीना लाइब्रेरी के ठेके देने में नियमों की अनदेखी करने के आरोप हैं। भुजबल के खिलाफ बीते सप्ताह दो मामले


दर्ज करने के बाद ब्यूरो ने यह कार्रवाई की है। ब्यूरो की कार्रवाई पर भुजबल ने कहा कि वे किसी भी तरह की जांच कराने और अपनी संपत्ति का हिसाब-किताब देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि ये सभी घर


उनके नहीं बल्कि उनके रिश्तेदारों के हैं, जबकि कुछ संपत्ति पैतृक संपत्ति है। भुजबल ने अपने खिलाफ की जा रही कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताते हुए इस बात पर आश्चर्य जताया कि उनके खिलाफ


तुरत-फुरत कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि उन पर नियमों की अनदेखी करके ठेके देने का जो आरोप हैं, वह फैसला मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव व कई अन्य मंत्रियों ने मिल कर लिया था और इसके लिए वह अकेले


दोषी नहीं हैं। भुजबल सहित 17 सरकारी अधिकारियों पर महाराष्ट्र सदन घोटाले और कलीना लाइब्रेरी घोटाले में बीते सप्ताह दो मामले दर्ज हो चुके हैं। ब्यूरो ने मामले दर्ज करने के अगले ही दिन लोक


निर्माण विभाग के नौ सरकारी अधिकारियों और इंजीनियरों के घरों पर भी छापेमारी की थी, जिसमें आय से अधिक संपत्ति का पता चला था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भुजबल के खिलाफ मंगलवार को हुई


कार्रवाई को निष्पक्ष बताया है। फडणवीस ने इसे नियमों के मुताबिक की गई कार्रवाई बताते हुए कहा है कि यह बदले की कार्रवाई नहीं है। सरकार ने शुरू से ही स्पष्ट कर दिया था कि वह नियमों के मुताबिक


काम करेगी। ब्यूरो अदालत की निगरानी में काम कर रहा है और सरकार का उस पर किसी तरह का दबाव नहीं है। भाजपा नेता किरीट सौमैया ने ब्यूरो की इस कार्रवाई का स्वागत करते हुए कहा कि यह तो सिर्फ शुरुआत


है। भुजबल की विदेश में संपत्ति के मामले भी जल्दी सामने आएंगे। इसके अलावा हाईकोर्ट ने तीन महीने में सिंचाई घोटाले की जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा है। लिहाजा भुजबल की तरह दूसरे घोटालेबाजों पर


भी कार्रवाई की जाएगी। आम आदमी पार्टी (आप) नेता अंजलि दमानिया और संजीव खांडेकर ने 20 नवंबर, 2014 को ब्यूरो के पास नियमों की अनदेखी कर ठेके देने की शिकायत करते हुए भुजबल की अकूत संपत्ति की


जांच की मांग की थी। यह मामला बाद में मुंबई हाईकोर्ट पहुंचा। हाईकोर्ट ने बीते साल 18 दिसंबर को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो व प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को मिलाकर एक संयुक्त जांच दल बनाया


था, जिसने महाराष्ट्र सदन घोटाले और भुजबल की आय से अधिक संपत्ति के मामलों की जांच की। जांच दल ने अदालत के सामने जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी। अदालत के निर्देश के बाद ब्यूरो ने भुजबल, उनके


बेटे, भतीजे और अन्य अधिकारियोंके खिलाफ दो मामले दर्ज करने के बाद तुरतफुरत छापे की कार्रवाई की है।