दो दिन का होगा एतिहासिक झंडा मेला, शुक्रवार शाम को श्रीझंडे जी के आरोहण की साक्षी बनेगी संगत - the two day historic flag fair will begin on april 2

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प्रेम सद्भावना व आस्था का प्रतीक झंडा मेला मेला इस साल सूक्ष्म स्वरूप में होगा। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए श्रीदरबार साहिब और मेला प्रबंधन कमेटी ने मेले को सीमित रखने का फैसला किया


है। शुक्रवार को झंडे जी का आरोहण होगा। By Sumit KumarEdited By: Updated: Thu, 01 Apr 2021 10:24 PM (IST) जागरण संवाददाता, देहरादून: प्रेम, सद्भावना व आस्था का प्रतीक झंडा मेला मेला इस साल


सूक्ष्म स्वरूप में होगा। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए श्रीदरबार साहिब और मेला प्रबंधन कमेटी ने मेले को सीमित रखने का फैसला किया है। आज यानी शुक्रवार को झंडे जी का आरोहण होने के बाद


चार अप्रैल को नगर परिक्रमा के बाद मेला संपन्न हो जाएगा। सुबह सात बजे पुराने झंडे जी को उतारने का कार्यक्रम शुरू होगा। दोपहर तीन बजे श्रीदरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेंद्र दास जी


महाराज की अगुआई में नए झंडे जी का आरोहण होगा। चार अप्रैल को सूक्ष्म स्वरूप में नगर परिक्रमा होगी। नगर परिक्रमा के साथ ही इस वर्ष का मेला संपन्न हो जाएगा। मेला आयोजन समिति के व्यवस्थापक केसी


जुयाल ने बताया कि झंडे जी के आरोहण के दौरान बेहद कड़ी व्यवस्था रहेगी, इसमें पुलिस प्रशासन का भी सहयोग लिया जाएगा। अन्य राज्यों से आने वाली संगतों को आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लेकर आना भी


अनिवार्य किया गया है। आरोहण स्थल पर भी सीमित संख्या में संगतों से आने की अपील की जा रही है। हालांकि, इस साल संगतों की संख्या पिछले सालों के मुकाबले कम ही है।  गुरु मंत्र पाकर धन्य हुई संगतें


श्री गुरु राम राय दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने मेले की पूर्व संध्या पर संगतों को गुरु मंत्र दिया। संगतों ने गुरु मंत्र को आत्मसात करते हुए झंडे जी साहिब और


श्री गुरु महाराज जी का आशीर्वाद लिया। श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने गुरु की महिमा के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति गुरु के बताए मार्ग पर चलता है, उसे पृथ्वी पर ही स्वर्ग


की अनुभूति हो जाती है। उन्होंने संगतों को सामाजिक कुरीतियों जैसे कन्या भ्रूण हत्या, नशा, दहेज प्रथा के खिलाफ मजबूत आवाज बनने का आह्वान भी किया। उन्होंने पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने के


लिए पौधारोपण व जल का सही उपयोग करने की अपील भी की। श्रीमहंत ने अपने संदेश में कहा कि मेले हमारे देश की धरोहर हैं। मेले में देश-विदेश के लोग एकजुट होकर अपनी कला, संस्कृति व संस्कारों का


आदान-प्रदान करते हैं। मेले हमें जोडऩे का कार्य करते हैं। श्रीमहंत ने श्रद्धालुओं से कोरोना वायरस के प्रति सजग रहने और नियमों का  पालन करने की अपील भी की।  यह भी पढ़ें- Haridwar Kumbh Mela


2021: अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि बोले- मुगलों के बजाय आजादी के दीवानों के नाम पर हो सड़क पूरब की संगत की विदाईझंडा जी मेले की परंपरा के अनुसार आरोहण से पूर्व


गुरुवार शाम के समय पूरब की संगत को पगड़ी, ताबीज व प्रसाद वितरित किया गया। इसके साथ ही पूरब की संगत को विदाई की गई। उधर, पूरे दिन जिला व पुलिस प्रशासन ने भी मेला स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था की


जांच की। एडीएम बीर सिंह बुदियाल, एसपी सिटी सरिता डोभाल, सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान समेत अन्य अधिकारियों ने मेले की तैयारियों का जायजा लिया।  एलईडी स्क्रीन पर मेले का प्रसारणमेला समिति ने


श्रीदरबार साहिब परिसर में एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था की है। इस पर मेले का सजीव प्रसारण किया जाएगा। श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि अस्पताल की


ओर से रोगियों को निश्शुल्क दवा और जांच का इंतजाम किया जा रहा है। यह भी पढ़ें-  Jhanda Mela: देहरादून का ऐतिहासिक झंडा मेला कल से, निगेटिव रिपोर्ट के बिना दरबार साहिब के मुख्य परिसर में


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