वारिसलीगंज रेलवे आरक्षण काउंटर बना दलालों का अड्डा - warisleiganj railway reservation counter becomes brokerchar(39)s base - bihar nawada general news

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- तत्काल टिकट मिलना भगवान से दर्शन होने के बराबर संवाद सूत्र, वारिसलीगंज(नवादा) : पूर्व मध्य रेलवे अंतर्गत दानापुर मंडल के किउल-गया रेलखंड स्थित वारिसलीगंज रेलवे स्टेशन का आरक्षण काउंटर इन


दिनों दलालों का अड्डा बन गया है। इस काउंटर से अगर तत्काल टिकट मिल जाए तो समझिए भगवान से दर्शन हो गया है या फिर आप अपने आप को बहुत भाग्यशाली समझे। तत्काल टिकट लेने के लिए लाइन में लगे कई


लोगों ने बताया कि लॉकडाउन में काम धंधा छोड़कर महाराष्ट्र से घर आ गए थे। काफी दिनों तक इंतजार के बाद जब भूखे मरने की स्थिति उत्पन्न होने लगी, तब थक-हारकर काम पर लौटने का मन बनाया। तीन दिनों से


इस ठंड में अहले सुबह से ही तत्काल टिकट लेने को ले वारिसलीगंज रेलवे स्टेशन पर लाइन में लग जाते है, लेकिन टिकट का दर्शन नही हो पाता है। घंटों लाइन में लगे रहने के बाद टिकट बाबू से जवाब मिलता


है कि नो रूम हो गया। लोगों ने बताया कि तत्काल टिकट काटने के समय से पहले कुछ दलाल अंदर में रहकर अपनी गोटी सेट कर टिकट प्राप्त कर लेते हैं और हमलोगों को नो रूम बताकर वापस कर दिया जाता है। इस


तरह का हाल सिर्फ कोरोना काल में ही नही बल्कि पहले से ही है। वारिसलीगंज स्टेशन समेत अन्य स्टेशनों से अलग नजारा देखने को मिलता है। इस स्टेशन पर विभाग का काम करने के लिए बाहरी लोगों का सहारा


लिया जाता है। इन्हीं लोगों के द्वारा आरक्षण काउंटर पर आमलोगों को आरक्षित और तत्काल टिकट नहीं मिल पाता है, ये लोग पहले से ही अंदर में टिकट के लिए गोटी सेट कर लेते है। कई बार बाहरी लोगों के


कारण इस स्टेशन पर बवाल हो चुका है। बावजूद मालगाड़ी का संटिग से लेकर अन्य काम बाहरी लोगों के सहारे ही होती है। इसको लेकर इस क्षेत्र के लोगों में विभाग के प्रति आक्रोश व्याप्त है। इस संदर्भ की


बातचीत में वारिसलीगंज रेलवे स्टेशन प्रबंधक अरुण कुमार बताते हैं कि तत्काल टिकट के लिए कोरोना काल मे यात्रियों को जिस स्थान को जाना होता है वहां का डिटेल भरने में निर्धारित समय समाप्त हो जाता


है। इस कारण आरक्षण टिकट मिलने में परेशानी है। फिर भी करीब 10 टिकट कट जाता है।