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राजस्थान के उदयपुर में एक दर्जी की हत्या करने का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर होने के बाद राज्य में तनाव चरम पर पहुंच गया है. भीड़ के जमा होने पर पाबंदी लगा दी गई है और पुलिस वालों की
छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. उदयपुर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. पुलिस ने घटना को आतंकी हमला माना है. यह घटना तब सामने आई जब एक वीडियो वॉट्सऐप और अन्य सोशल मीडिया वेबसाइट पर
साझा किया जाने लगा. इस वीडियो में कथित तौर पर दो लोगों को उदयपुर में एक दर्जी कन्हैयालाल का गला रेतते हुए दिखाया गया. हत्यारों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धमकी भी दी. पुलिस ने
आरोपियों गोस मोहम्मद और रियाज को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस का कहना है कि कन्हैयालाल ने सोशल मीडिया पर पूर्व बीजेपी नेता नूपुर शर्मा का समर्थन किया था.नुपूर शर्मा पर पैगंबर मोहम्मद के अपमान
का आरोप है और पुलिस उनकी तलाश कर रही है. दर्जी कन्हैयालाल की सोशल मीडिया पोस्ट के लिए पहले गिरफ्तारी भी हो चुकी थी और उन्हें कई दिन से धमकियां मिल रही थीं. राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हवा
सिंह घूमरिया ने मीडिया को बताया कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने मीडिया से वीडियो को प्रसारित ना करने की भी अपील की. उन्होंने कहा, "यह देखने में बेहद घिनौना है. मेरी सलाह है कि
कृपया इसे ना देखें." मिल रही थीं धमकियां पुलिस ने बताया कि कन्हैयालाल को एक संगठन विशेष से धमकियां मिली थीं क्योंकि उन्होंने सोशल मीडिया पर नूपुर शर्मा की टिप्पणियों का समर्थन किया था.
पुलिस अधिकारी ने कहा, "10 जून को उनके खिलाफ एक शिकायत दर्ज हुई थी. उन्हें गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया. 15 जून को उन्होंने पुलिस को बताया कि उन्हें धमकियां मिल रही हैं. पुलिस ने
सभी पक्षों और सामुदायिक नेताओं को थाने में बुलाया और सुलह करवा दी. पुलिस उन सामुदायिक नेताओं की भूमिका की भी जांच कर रही है जिन्होंने सुलह करवाने में मदद की थी." यह भी पढ़ेंः हिंसा के
बाद सहारनपुर का माहौल तो शांत है लेकिन बाजार ठप राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूरे हालात को शर्मनाक बताया. उन्होंने कहा कि नफरत का माहौल बनाया जा रहा है. गहलोत ने कहा, "पुलिस इस
मामले की जड़ तक पहुंचेगी और घटना में शामिल अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. मैं सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं." मुख्यमंत्री ने वीडियो को साझा ना करने की अपील
की है. उन्होंने कहा, "मैं सभी से अपील करता हूं कि वीडियो शेयर करके माहौल को बिगाड़ने से बचें. अगर आप वीडियो शेयर करते हैं तो अपराधियों का नफरत फैलाने का मकसद पूरा हो जाएगा." हर ओर
निंदा राज्य में विपक्ष के नेता बीजेपी विधायक गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि उन्होंने इस बारे में मुख्यमंत्री से बात की है. कटारिया ने बताया, "मैंने मुख्यमंत्री और एसपी से बात की और तुरंत
गिरफ्तारी की मांग की है ताकि तनाव कम किया जा सके." देशभर के नेताओं ने इस घटना की निंदा करते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे भयावह बताया.
उन्होंने कहा, "ऐसी कायरतापूर्ण हरकतों की सभ्य समाज में कोई जगह नहीं है. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. अपराधियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए." पैगंबर पर विवादित टिप्पणी पर अल कायदा की
भारत को धमकी केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने भी घटना की निंदा करते हुए कहा कि ऐसे काम सद्भाव बिगाड़ने के मकसद से ही किए जाते हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी घटना पर क्षोभ जताते हुए
कहा, "मुझे उदयपुर में बर्बर हत्या से गहरा आघात पहुंचा है. धर्म के नाम पर बर्बरता बर्दाश्त नहीं की जा सकती. जो लोग ऐसी क्रूरता के जरिए आतंक फैलाना चाहते हैं, उन्हें फौरन सजा दी जानी
चाहिए. हम सबको मिलकर नफरत को हराना है. मैं सभी से शांति और भाईचारा बनाए रखने की अपील करता हूं." मुस्लिम नेता और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि इसकी
कोई सफाई नहीं हो सकती. उन्होंने कहा, "ऐसी हिंसा पर हमारी पार्टी का रुख स्पष्ट है. कोई भी कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकता. हम मांग करते हैं कि राज्य सरकार सख्त से सख्त कार्रवाई
करे." रिपोर्टः विवेक कुमार