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नयी दिल्ली : दिल्ली सरकार की ओर से गठित एक समिति ने शहर में बार वाले रेस्टोरेंट, पब और क्लब को सुबह तीन बजे तक काम करने की अनुमति देने की सिफारिश की है. मालूम हो कि वर्तमान में फाइव स्टार
होटलों में 24*7 बार की अनुमति है. लेकिन, रेस्टोरेंट, पब और क्लबों को एक बजे तक बंद कर देना होता है. प्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, समिति ने रेस्टोरेंट और पब
को अपने परिसर के साथ खुले क्षेत्रों में शराब परोसे जाने के नियमों में ढील देने की भी सिफारिश की है. बालकनियों, छतों या अन्य खुले स्थान पर शराब परोसने की अनुमति होनी चाहिए. साथ ही समिति ने
प्रतिष्ठानों में शराब पीने के लिए कानूनी न्यूनतम आयु 25 वर्ष को घटा कर 21 वर्ष करने की भी सिफारिश की है. नीति का मसौदा तैयार करने से पहले प्रतिक्रिया लेने के लिए आबकारी विभाग की वेबसाइट पर
रिपोर्ट अपलोड की गयी है. प्रतिक्रिया की प्रक्रिया खत्म होने के बाद सरकार एक नीति का मसौदा तैयार करेगी और दिल्ली कैबिनेट के समक्ष पेश करेगी. कैबिनेट की मंजूरी मिलने पर नीति को अधिसूचित किया
जायेगा. उसके बाद आबकारी विभाग नियमों में बदलाव करेगा. बताया जाता है कि समिति ने राजधानी में 21 ड्राई डे से घटा कर प्रतिवर्ष तीन किया जाये. शराब और बीयर बेचने का लाइसेंस लेने के लिए विभागीय
दुकानों के लिए मानदंड में छूट दी जाये. साथ ही सरकार द्वारा संचालित शराब का समान वितरण किया जाये. मालूम हो कि समिति की स्थापना दिल्ली के उपमुख्यमंत्र मनीष सिसोदिया ने सितंबर 2020 में की थी.
समिति गठित करने का उद्देश्य सरकार का उत्पाद शुल्क बढ़ाना, शराब के मूल्य निर्धारण तंत्र को सरल बनाना, दुर्भावना की जांच करना, न्यायसंगत पहुंच सुनिश्चित करने के साथ-साथ सरकार की मदद में सहायता
करना था. समिति ने कहा है कि दिल्ली में वर्तमान में 720 खुदरा शराब दुकान कार्यरत हैं. इनमें से करीब 40 फीसदी देसी शराब बेचते हैं. दिल्ली में होटल, रेस्टोरेंट, पब और क्लबों में करीब 800 बार
हैं. फाइव स्टार होटलों में विशेष लाइसेंस के तहत 24*7 संचालित करने की अनुमति है, लेकिन वहां भारी शुल्क देना होता है. रेस्टोरेंट, क्लब और पब में अधिकतर बार को वर्तमान मानदंडों के मुताबिक एक
बजे तक सब कुछ समेटना होता है. वहीं, शहर में शराब की दुकानों को रात 10 बजे ही बंद कर देना होता है. समिति ने संभावना जतायी है कि सिफारिशों से पर्यटन और जीवंतता बढ़ेगी.