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एकनाथ शिंदे सरकार में फडणवीस को गृह, वित्त और योजना विभागों के अलावा कानून और न्यायपालिका, जल संसाधन, आवास, ऊर्जा तथा प्रोटोकॉल विभाग की भी जिम्मेदारी दी गयी है। इस वजह से वह विपक्ष के
निशाने पर आ गए है। विपक्ष ने दावा किया है बीजेपी ने शिंदे सरकार के प्रमुख विभाग अपने पास रखे है, जबकि शिंदे गुट के मंत्रियों को कम अहमियत वाले विभाग सौंपे गए है। यह भी पढ़ें MAHARASHTRA
POLITICS: एकनाथ शिंदे की मिनी कैबिनेट पर अजित पवार ने दी पहली प्रतिक्रिया, बोले- कुछ चेहरे न होते तो अच्छा होता डिप्टी सीएम फडणवीस ने कहा कि बीजेपी और शिवसेना का एकनाथ शिंदे नीत खेमा जरूरत
पड़ने पर अगले कैबिनेट विस्तार से पहले कुछ विभागों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा “बीजेपी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के बीच विभागों के आवंटन को लेकर कोई
विवाद नहीं है। यदि जरूरत हुई तो हम अगले कैबिनेट विस्तार से पहले कुछ विभागों का आदान-प्रदान कर सकते हैं।” बीजेपी और शिंदे खेमे से जानें किसे मिली कौन-सी जिम्मेदारी:चंद्रकांत पाटिल- उच्च एवं
तकनीकी शिक्षा मंत्रालय के साथ संसदीय कार्य मंत्रालय राधाकृष्ण विखे पाटिल- राजस्व मंत्रालय के साथ डेयरी विकास और पशुपालन मंत्रालय सुधीर मुनगंटीवार- वन और सांस्कृतिक मामलों के मंत्रालय का
प्रभार विजय कुमार गावित- आदिवासी मंत्रालय गिरीश महाजन- ग्रामीण विकास और पंचायत राज के साथ चिकित्सा शिक्षा विभाग गुलाबराव पाटिल- जलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग दादा भूसे- बांध और खनन संजय
राठौड़- खाद्य एवं औषधि प्रशासन सुरेश खाडे- श्रम विभाग उदय सावंत- उद्योग मंत्रालय तानाजी सावंत- सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग अब्दुल सत्तार- कृषि मंत्रालय दीपक केसरकर- स्कूली
शिक्षा मंत्री और मराठी भाषा विभाग संदीपान भुमरे- रोजगार गारंटी योजना और बागवानी रवींद्र चव्हाण- सार्वजनिक निर्माण, खाद्य और नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्रालय महाराष्ट्र कैबिनेट में
सदस्यों की अधिकतम संख्या मुख्यमंत्री समेत 43 हो सकती है। जबकि वर्तमान में शिंदे सरकार में कुल 20 मंत्री ही है। इसलिए आगामी महीने में शिंदे कैबिनेट का फिर विस्तार होने की संभावना है।