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राजस्थान लोक सेवा आयोग ने विभिन्न भर्ती परीक्षाओं से जुड़े खास फैसले वेबसाइट पर अपलोड किए गए हैं। इनमें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से जुड़े फैसले शामिल हैं। देशभर में पहली बार किसी भर्ती आयोग
ने यह पहल की है।अध्यक्ष संजय कुमार श्रोत्रिय ने बताया कि आयोग की विभिन्न भर्ती परीक्षा आयोजन प्रक्रिया से संबंधित विषयों पर विधिक प्रकरण विभिन्न न्यायालयों में चलते हैं। आयोग के पक्ष में
दिए हैं निर्णय आयोग भर्ती परीक्षाओं में देश-प्रदेश के लाखों अभ्यर्थी बैठते हैं। कई अभ्यर्थी ठोस एवं तथ्यात्मक जानकारी के अभाव में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में आयोग के खिलाफ याचिकाएं दायर
करते हैं। कई प्रकरणों में सुप्रीम कोर्ट एवं हाइकोर्ट ने आयोग के पक्ष में निर्णय दिए हैं। वेबसाइट पर अपलोड आयोग ने विभिन्न न्यायालयों के अहम और चुनिंदा निर्णयों का चयन कर वेबसाइट पर अपलोड किए
हैं। इनका अभ्यर्थी अवलोकन कर सकते हैं। इस नवाचार की मंशा अभ्यर्थियों को जानकारी देने के अलावा न्यायिक वादों के दौरान व्यय किए जाने वाले समय एवं धन की बचत करना है। अभ्यर्थी वेबसाइट के होम
पेज पर इम्पोर्टेंट कोर्ट जजमेंटस पर क्लिक कर न्यायिक निर्णयों को देख सकते हैं। इन पर करते हैं याचिका दायर – परीक्षा की उत्तर कुंजी वैधता- परीक्षाओं में स्केलिंग – अभ्यर्थी की श्रेणी और वर्ग
परिवर्तन- तय फार्मूले से कम अथवा ज्यादा अभ्यर्थियों को पास करना – निर्धारित तिथि तक वांछित योग्यता नहीं होना तथ्यात्मक एवं सटीक जानकारी सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि कई समान बिन्दुओं पर
उच्चतम एवं उच्च न्यायालय ने निर्णय पारित किए हैं। इसके बावजूद उन्हीं तथ्यों पर अभ्यर्थी वाद दायर करते हैं। इससे अभ्यर्थियों के साथ-साथ आयोग को भी श्रम एवं संसाधनों का नुकसान होता है। विधि
शाखा विषयवार निर्णयों को छांटकर भर्ती परीक्षाओं को चुनौती दिए जाने वाले मुद्दों, न्यायालय के निर्णयों को सूचीबद्ध कर रही थी। इस नवाचार से अभ्यर्थियों को भर्ती परीक्षा संबंधी विभिन्न बिंदुओं
के संबंध में तथ्यात्मक एवं सटीक जानकारी प्राप्त हो सकेगी। आयोग को भी भर्ती परीक्षाओं के समयबद्ध आयोजन में सहूलियत होगी। भर्तियों को उलझाते हैं अभ्यर्थी कई अभ्यर्थी कोर्ट केस कर भर्तियों को
उलझाते हैं। इसके चलते भर्तियां समय पर नहीं होती हैं। आरएएस भर्ती तो पिछले 10 साल में हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची हैं। इसी तरह स्कूल, कॉलेज शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और अन्य
भर्तियों में भी अभ्यर्थी कोर्ट केस करते रहे हैं। हालांकि आयोग ने प्री-लिटिगेशन कमेटी का गठन किया है। अभ्यर्थियों से आयोग स्तर पर ही मामले की सुनवाई और निष्पादन की व्यवस्था की गई है। फिर भी
कोर्ट केस जारी हैं। अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग में संस्कृत शिक्षा विभाग की पदोन्नति समिति की बैठक हुई। सदस्य प्रो. अयूब खान की अध्यक्षता में सहायक निदेशक, प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक
(प्रवेशिका), प्राध्यापक (18 विषय), वरिष्ठ अध्यापक (6 विषय) के पदों के लिए पदोन्नति प्रकरणों पर विचार के लिए नियमित डीपीसी बैठक हुई। इस दौरान कुल 818 पदों के लिए 3 रिव्यू डीपीसी बैठक हुई।
इसमें सहायक निदेशक के 3, प्रधानाचार्य के 1, प्रधानाध्यापक प्रवेशिका के 83, प्राध्यापक के 154 एवं वरिष्ठ अध्यापक के 577 पदों के लिए पदोन्नति प्रकरणों पर विचार-विमर्श किया गया। संस्कृत शिक्षा
विभाग की शासन सचिव पूनम, स्वायत्त शासन विभाग की उपनिदेशक भावना गर्ग, आयुक्त संस्कृत शिक्षा विजयपाल सिंह आदि शामिल हुए।