बेल के पेड़ की उत्पत्ति की पौराणिक कहानी, जानें किस देवी का होता है निवास | bel tree bel ke ped ki utpatti kaise hui bel ke ped me kiska vas hota hai mythological story of vine tree know which goddess in bel tree


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इसका जवाब कई पंडित और विद्वान देते हैं। पंडितों का कहना है कि भगवान भोलेनाथ प्रकृति के देवता है, इसलिए भगवान का श्रृंगार प्राकृतिक वस्तुओं से होता है। सावन में बेल पत्र, धतुरा, फूल आदि


अर्पित करने से भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है। पूरे सावन माह में श्रद्धा भक्ति का नजारा दिखाई देगा। इस दौरान अनेक आयोजन होंगे। भगवान भोलेनाथ को यह अर्पित करें बेल पत्र, धतूरा,


दूध-दही, शहद, मदार, गंगाजल, फल-फूल, भांग, शमीपत्र और भस्म आदि। ये भी पढ़ेंः तीज पर हिंडोले पर बैठेंगे बांके बिहारी, माता-पिता विवाहित बेटियों को देंगे उपहार, जानें डेट, योग महत्व और परंपरा


बेल के पेड़ में किसका वास मान्यता है कि बेलपत्र की पेड़ की जड़ में गिरिजा, तनों में माहेश्वरी, शाखाओं में दक्षिणायनी और पत्तियों में मां पार्वती के रूप का वास होता है। माता पार्वती का


प्रतिबिंब होने की वजह से बेलपत्र को भगवान शिव पर चढ़ाते हैं। ये भी पढ़ेंः Rashi Anusar Shiv Mantra: सावन में राशि अनुसार शिवजी का मंत्र करेगा चमत्कार, जपें सभी राशि के मंत्र बेलपत्र से शिव


का मस्तिष्क शीतल शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने से एक करोड़ कन्यादान के बराबर फल मिलता है। बेलपत्र और जल से भगवान शिव का मस्तिष्क शीतल रहता है। ये भी पढ़ेंः हरियाली


अमावस्या पर राशि अनुसार लगाएं पौधे, पितरों का मिलेगा आशीर्वाद, घर में होगा सुख समृद्धि का वास कैसे हुई बेल के पेड़ की उत्पत्ति बेलपत्र का आध्यात्मिक, प्राकृतिक वैज्ञानिक महत्व है। बेलपत्र


विटामिन से भरपूर होता है और इससे ब्रह्मांड का निर्माण हुआ है। पं. विष्णु राजौरिया ने बताया कि पौराणिक मान्यता है कि एक बार माता पार्वती के पसीने की बूंद मंदराचल पर्वत पर गिर गई। उससे बेल का


पेड़ निकल आया। इसलिए इस पेड़ पर वे कई स्वरूपों में रहती हैं। मान्यता है कि समुद्र मंथन में हलाहल विष का पान भगवान शिव ने विश्वकल्याण के लिए किया है। विष के प्रभाव कम करने के लिए देवी-देवताओं


ने उन्हें बेलपत्र, जल अर्पित किया था। ये भी पढ़ेंः शिवलिंग पर क्यों चढ़ाते हैं कच्चा दूध, जानें इसकी पौराणिक कहानी और क्या कहता है विज्ञान बेलपत्र का औषधीय महत्व इसके अलावा बेलपत्र के पेड़


की छाल, जड़, फल और पत्ते विभिन्न रोगों के उपचार में प्रयुक्त होते हैं। बेलपत्र से मसूड़ों से खून आना, अस्थमा, पीलिया, पेचिश, एनीमिया आदि रोगों का उपचार होता है। बेल के फल में विटामिन ए, सी,


बी1, बी6, बी12, कैल्शियम, पोटैशियम, राइबोलेविन और फाइबर मिलता है। इसमें एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण होते हैं। ये भी पढ़ेंः Dhokhebaj Rashiya: इन राशियों के लोगों से रहना चाहिए सावधान, इनका


प्यार और पार्टनर पर होता रहता है मूड स्विंग