क्या निकाह से पहले इस्लाम में kiss करना गुनाह है? जानिए क्या है सच्चाई

feature-image

Play all audios:

Loading...

भारत के लोगों पर विदेशी कल्चर का काफी ज्यादा असर पड़ रहा है. जिसमें लोग इन दिनों निकाह से पहले ही सब कुछ कर लेते है. चाहें वो किस करना हो या फिर यौन संबंध बनाना हो. विदेशी कल्चर में निकाह से


पहले गर्लफ्रेंड को किस करना आम बात हो गई है. लेकिन आज भी मुस्लिम देशों में इसे गुनाह माना जाता है.  इस्लाम के अनुसार सभी से अच्छे संबंध बनाकर रखें और सभी के प्रति दयालु व विनम्र रहना चाहिए.


लेकिन किसी गैर-मरहम व्यक्ति या विपरीत लिंग के बहुत करीब होने की अनुमति इस्लाम नहीं देता.  Advertisment गुनाह है या नहीं  जिन लोगों को उचित ज्ञान नहीं मिल पाता है, वे यह नहीं समझ पाते है कि


क्या सही है और क्या गलता है.  युवा लड़के और लड़कियां विवाह से पहले एक दूसरे के करीब आ जाते हैं. जबकि वह यह नहीं जानते कि निकाह से पहले किस करना हराम है या नहीं. कई हदीस और कुरान की आयतें हैं


जो इस संबंध के बारे में बताती है. हदीस में बताया गया है  पैगंबर मुहम्मद ने कहा, "किसी मुसलमान के लिए अपने सिर में कील ठोकवाना बेहतर है, बजाय किसी ऐसे व्यक्ति को छूने के जो उसका करीबी


रिश्तेदार नहीं है (गैर-महरम). हदीस के अनुसार, इस बात से स्पष्ट होता है कि, किसी भी पराए स्त्री या पुरुष के लिए किसी गैर मरहम को छूना, चूमना या फिर किसी तरह से भी शारीरिक संपर्क बनाना जायज


नहीं है. निकाह से पहले किस करना  सिर्फ किस करना ही नहीं बल्कि इस्लाम में निकाह से पहले यौन, कामुक और स्नेहपूर्ण कृत्य जैसे कि चुंबन, स्पर्श, घूरना आदि को भी हराम माना गया है. क्योंकि इन्हें


जिना का हिस्सा माना जाता है, जो वास्तविक जिना की ओर ले जाता है. अगर आपने निकाह से पहले अपनी गर्लफ्रेंड को किस किया था और उसी व्यक्ति से आपका निकाह होने जा रहा है या हो चुका है. तब भी यह


निकाह की यात्रा का अंत नहीं है, बल्कि इसके लिए पश्चाताप जरूरी है. इसके लिए अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगे और हमेशा रिश्तों के प्रति ईमानदार रहने का वचन लें. इससे पाप मिट जाएंगे और सवाब


मिलेगा. RELIGION की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए. (DISCLAIMER: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं.


न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)