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मुंबई, 21 मई (आईएएनएस)। मिश्रित वैश्विक संकेतों के बीच बुधवार को भारतीय बेंचमार्क सूचकांक हरे निशान में खुले। शुरुआती कारोबार में फार्मा, ऑटो, पीएसयू बैंक और फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में
खरीदारी देखी गई। सुबह करीब 9.35 बजे सेंसेक्स 296.53 अंक या 0.37 प्रतिशत बढ़कर 81,482.97 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 88.90 अंक या 0.36 प्रतिशत बढ़कर 24,772.80 पर था। निफ्टी बैंक 98.55
अंक या 0.18 प्रतिशत बढ़कर 54,975.90 पर था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 154.10 अंक या 0.27 प्रतिशत की गिरावट के बाद 56,028.55 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 63.65 अंक या 0.36
प्रतिशत की गिरावट के बाद 17,419.35 पर था। विश्लेषकों के अनुसार, सिंगापुर और हांगकांग जैसे दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों की रिपोर्ट के बीच मंगलवार को भारतीय इक्विटी
बेंचमार्क में भारी गिरावट आई। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्राइम रिसर्च के प्रमुख देवर्ष वकील ने कहा, तकनीकी रूप से, निफ्टी 8 मई, 2025 के बाद पहली बार अपने 5-डे ईएमए से नीचे बंद हुआ, जो
मुनाफावसूली की ओर बदलाव का संकेत देता है। उन्होंने कहा कि मजबूत वैश्विक संकेतों की अनुपस्थिति में, भारतीय बाजारों में कल जहां से गिरावट आई थी, वहीं से तेजी आने की संभावना है। इस बीच,
सेंसेक्स पैक में सन फार्मा, एचडीएफसी बैंक, टेक महिंद्रा, टीसीएस, नेस्ले इंडिया, मारुति सुजुकी, आईसीआईसीआई बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट और हिंदुस्तान यूनिलीवर टॉप गेनर्स थे। जबकि, इटरनल, कोटक
महिंद्रा बैंक, इंडसइंड बैंक और एनटीपीसी टॉप लूजर्स रहे। एशियाई बाजारों में चीन, हांगकांग, बैंकॉक, सोल और जकार्ता हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। जबकि केवल जापान लाल निशान में कारोबार कर रहा
था। अमेरिकी बाजारों में पिछले कारोबारी सत्र में डाउ जोंस 114.83 अंक या 0.27 प्रतिशत की गिरावट के साथ 42,677.24 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स 23.14 अंक या 0.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ
5,940.46 पर और नैस्डैक 72.75 अंक या 0.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19,142.71 पर बंद हुआ। विशेषज्ञों ने कहा कि अनिश्चितता और जोखिम में वृद्धि बाजार को अप्रत्याशित रूप से प्रभावित कर रही है। कल
एफआईआई द्वारा 10,016 करोड़ रुपए की बिक्री का आंकड़ा मई में उनकी बड़ी खरीद का एक बड़ा उलटफेर है और यदि यह जारी रहता है, तो इससे बाजार पर असर पड़ने की संभावना है। उन्होंने आगे कहा, अमेरिकी
सॉवरेन डेट की क्रेडिट रेटिंग में गिरावट और इसके परिणामस्वरूप अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में उछाल, जापानी सरकारी बॉन्ड यील्ड में उछाल, भारत के कुछ हिस्सों में बढ़ते कोविड मामले और ईरान पर संभावित
इजरायली हमले की खबरें चर्चा में हैं। इन सभी कारकों का संयोजन एफआईआई गतिविधि में इस अचानक उलटफेर के लिए जिम्मेदार हो सकता है। एनएसई के प्रोविजनल डेटा के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों
(एफआईआई) ने 20 मई को 10,016.10 करोड़ रुपए के भारतीय शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) 6,738.39 करोड़ रुपए के शुद्ध खरीदार थे। --आईएएनएस एसकेटी/केआर Advertisment डिस्क्लेमरः यह
आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.