भारत में डेयरी कंपनियां इस वित्त वर्ष में 11-13 प्रतिशत मजबूत राजस्व वृद्धि दर्ज कर सकती हैं

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नई दिल्ली, 2 जून (आईएएनएस)। भारत में डेयरी कंपनियां, मजबूत डिमांड डायनैमिक्स, वैल्यू-एडेड प्रोडक्ट्स (वीएपी) के बढ़ते शेयर और खुदरा स्तर पर दूध की ऊंची कीमतों के कारण इस वित्त वर्ष में 11-13


प्रतिशत राजस्व वृद्धि दर्ज कर सकती हैं। पिछले वित्त वर्ष में डेयरी कंपनियों ने 10 प्रतिशत राजस्व वृद्धि दर्ज की थी। यह जानकारी सोमवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई। क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट


के अनुसार, बेहतर प्राप्तियों, स्वस्थ दूध आपूर्ति के कारण खरीद कीमतों पर नियंत्रण और वीएपी की ओर अनुकूल बदलाव के कारण लाभप्रदता में भी 20-30 आधार अंकों (बीपीएस) का सुधार होगा, जिससे उच्च


मार्जिन मिलता है। कंपनियां स्वस्थ विकास गति का लाभ उठाने के लिए इस वित्त वर्ष में पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में 10 प्रतिशत की वृद्धि करेंगी। इस पूंजीगत व्यय का एक बड़ा हिस्सा वीएपी में क्षमता


बढ़ाने के लिए होगा। यह एक ऐसा सेगमेंट है, जो पारंपरिक लिक्विड दूध कैटेगरी से आगे निकल रहा है। उच्च पूंजीगत व्यय के बावजूद, नकदी प्रवाह में सुधार और मजबूत बैलेंस शीट के कारण क्रेडिट प्रोफाइल


स्थिर रहेगी। क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक शौनक चक्रवर्ती ने कहा, इस वित्त वर्ष में वीएपी सेगमेंट में 16-18 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि होने की उम्मीद है, जो उपभोक्ताओं की बदलती पसंद, बढ़ती पोषण


संबंधी जागरूकता और प्रोटीन युक्त आहार के लिए वरीयता के कारण है। उन्होंने आगे कहा, नतीजतन, उत्पाद मिश्रण में इसकी हिस्सेदारी कुछ साल पहले के 40 प्रतिशत से बढ़कर 45 प्रतिशत हो जाएगी। इसके


विपरीत, लिक्विड दूध की वृद्धि 10 प्रतिशत पर स्थिर होनी चाहिए। कुल मिलाकर, बेहतर उत्पाद मिश्रण, स्वस्थ मात्रा और बढ़ती खुदरा कीमतें विकास के प्रमुख चालक होंगे। डेयरियों को अनुकूल मानसून


पूर्वानुमान, स्थिर चारा मूल्य और उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए कृत्रिम गर्भाधान को अपनाने में वृद्धि से भी मदद मिलेगी, जो कच्चे दूध की स्थिर उपलब्धता सुनिश्चित करेगा, जिससे इस वित्त वर्ष


में खरीद मूल्यों में मामूली 2-3 प्रतिशत की वृद्धि सीमित रहेगी। प्राप्तियों में सुधार और खरीद मूल्यों में मामूली वृद्धि से लाभ बढ़ेगा, जिसके परिणामस्वरूप परिचालन मार्जिन 20-30 बीपीएस सुधार के


साथ 5.3 प्रतिशत होगा। यह समग्र नकदी सृजन का समर्थन करेगा। संभावनाएं और हेल्दी डिमांड सप्लाई डायनैमिक्स पहले से ही डेयरियों को पूंजीगत व्यय बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। क्रिसिल


रेटिंग्स की एसोसिएट डायरेक्टर रुचा नारकर ने कहा, डेयरी कंपनियों का पूंजीगत व्यय इस वित्त वर्ष में 10 प्रतिशत बढ़कर 3,400 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। वीएपी सेगमेंट कुल पूंजीगत व्यय का 60


प्रतिशत से अधिक होगा। --आईएएनएस एसकेटी/एबीएम Advertisment डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में


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