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नए वित्त वर्ष 2021-22 के पहले दिन से कई नए नियम लागू होंगे और कुछ नियमों में बदलाव होने जा रहा है।रिजर्व बैंक ने ऑटोमैटिक रिकरिग पेमेंट के मामले में नए नियमों के अनुपालन की तारीख 30 सितंबर
तक बढ़ा दी है। नए नियमों के तहत रिकरिंग पेमेंट के मामले में बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों के लिए पेमेंट की तारीख से पहले ग्राहकों के पास अलर्ट भेजना और उनकी मंजूरी लेना अनिवार्य होगा।
वित्तीय संस्थान ग्राहक के डेबिट या क्रेडिट कार्ड या किसी भी प्रकार के डाटा को सेव नहीं रख सकेंगे। 5000 रुपये से अधिक के भुगतान के लिए ग्राहकों के पास वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आएगा। पहली
अप्रैल से इनका अनुपालन सुनिश्चित करना था। वित्तीय संस्थानों की दलील थी कि वे नए नियम को लागू करने के लिए अपनी तकनीक में बदलाव नहीं कर पाए हैं। अब रिजर्व बैंक ने 30 सितंबर तक पुरानी व्यवस्था
जारी रखने की अनुमति दे दी है। ईपीएफओ गुरुवार से भविष्य निधि (पीएफ) के अंतर्गत जमा धन पर मिलने वाला ब्याज भी कर के दायरे में आ जाएगा। आयकर के नए प्रविधानों के अनुसार, पीएफ में वार्षिक 2.5 लाख
से अधिक जमा पर मिला ब्याज कर के दायरे में आ जाएगा। दो लाख रुपये से ज्यादा वेतन वाले इस दायरे में आ सकते हैं। आयकर रिटर्न कर्मचारियों की सुविधा के लिए सरकार रिटर्न भरने की सुविधा आसान बना
रही है। इसके तहत आयकर विभाग नए वित्त वर्ष से पहले से भरा हुआ आइटीआर फॉर्म उपलब्ध कराएगा। पेंशन सरकार ने बुजुर्गों के हितों का ध्यान रखते हुए पहली अप्रैल से 75 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ
नागरिकों को आयकर रिटर्न भरने से छूट देने का फैसला किया है। हालांकि, इसका लाभ सिर्फ उन्हीं को मिल सकेगा, जिनकी आय के स्त्रोत सिर्फ पेंशन व एफडी के ब्याज हैं। चेकबुक देना बैंक, कॉरपोरेशन बैंक,
ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, आंध्रा बैंक, यूनाइटेड बैंक और इलाहाबाद बैंक की पुरानी चेकबुक गुरुवार से अमान्य हो जाएंगी। इन बैंकों का विलय हो चुका है। नई चेकबुक भी जारी हो चुकी है। पैन-आधार - पैन
और आधार को लिंक करने की समयसीमा भी 30 जून तक के लिए बढ़ा दी गई है। सरकार ने कहा कि कोरोना के कारण बनी स्थितियों में करदाताओं की मुश्किलों को देखते हुए इसे विस्तार दिया गया है। डाकघर डाकघर में
गुरुवार से धन जमा करने अथवा निकासी पर शुल्क का भुगतान करना होगा। इसके अलावा आधार आधारित भुगतान प्रणाली (एईपीएस) पर भी शुल्क देना होगा। इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक का कहना है कि यह शुल्क फ्री
लेनदेन की सीमा खत्म होने के बाद लिया जाएगा। श्रम संहिताएं पहली अप्रैल से चार श्रम संहिताएं (लेबर कोड) भी लागू नहीं होंगी। पिछले कई महीनों से श्रम मंत्रालय की तरफ से नई संहिताओं को पहली
अप्रैल से लागू करने की बात की जा रही थी। अब इसे मई या जून में लागू किया जा सकता है। हालांकि मंत्रालय की तरफ से पहली अप्रैल से लेबर कोड को लागू करने की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई थी। ई-इनवॉयस
बिजनेस टू बिजनेस (बी-टू-बी) कारोबार के तहत एक अप्रैल से ऐसे सभी कारोबारियों के लिए ई-इनवॉयस जरूरी हो जाएगा, जिनका सालाना कारोबार 50 करोड़ रुपये से ज्यादा है। इस दायरे में करीब 90 लाख कारोबारी
आएंगे। विदेश व्यापार नीति वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने विदेश व्यापार नीति 2015-20 को 30 सितंबर तक के लिए मान्य कर दिया है। इस नीति की अवधि 31 मार्च, 2020 को समाप्त हो गई थी, लेकिन कोरोना
महामारी को देखते हुए इसे एक साल का विस्तार दिया गया था। अभी भी नई विदेश व्यापार नीति को अंतिम रूप नहीं दिए जा सकने के कारण इसे फिर विस्तार दिया गया है।