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राजस्थान के भीलवाड़ा में अप्रैल माह की दस तारीख मादक पदार्थों की तस्करी करने और पुलिस पर फायरिंग कर 2 जवानों की हत्या की घटना के मुख्य आरोपी को पुलिस ने जोधपुर के फलौदी से दबोचा है। शातिर ने
पुलिस की दबिश से पहले भी फायर किए थे, लेकिन इस बार पुलिस ने मादक पदार्थो का तस्कर और पुलिस के दो जवानों के कातिल को दबोच लिया है। मामले के मुख्य सरगना सुनील डूडी पुत्र ओपाराम विश्नोई
मतवालों की ढाणी थाना बिलाडा जिला जोधपुर को पकड़ने के बाद भीलवाड़ा ले जाया गया है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए एम.एल.लाठर महानिदेशक पुलिस , राजस्थान जयपुर , अशोक राठौड अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस , एटीएस एवं एसओजी , एस सेंगथिर महानिरीक्षक पुलिस अजमेर रेन्ज की उपस्थिति में
मौका ऐ वारदात का निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रकरण में अज्ञात बदमाशों की शीघ्र तलाश करने के निर्देश दिये गये थे। जिंसकी पड़ताल में जोधपुर के प्रतापनगर थानेदार अमित सियाग
को सुनील डूडी के फलौदी तहसील में होने की सूचना प्राप्त हुई । इस सूचना के आधार पर जोधपुर की फलौदी तहसील के खारा गांव की एक ढाणी से खेत पर बने मकान पुलिस ने योजनाबध्द तरीके से दबिश दी। पुलिस
को आता देख कर आरोपी मुख्य जगह से भागता नजर आया । टॉर्च की रोशनी से देखने पर एक व्यक्ति हाथ मे पिस्तौल लिये खडा नजर आया , जो घटना का मुख्य सरगना सुनील डूडी था। पुलिस को देखते ही उसके द्वारा
पुलिस जाप्ते पर फायर किया गया , किन्तु मौके पर उपस्थित टीम के सदस्यों द्वारा संयम , सूझबूझ व साहस से काम लेते हुए मुख्य सरगना सुनील डूडी पर काबू पाया व उसे मय पिस्टल के जिन्दा गिरफ्तार कर
लिया।
दस अप्रैल को हुई थी घटना
दस अप्रैल को देर रात पुलिस नाकाबंदी में मादक पदार्थों की तस्करी से संबंधित जानकारी के बाद एक ही स्कॉर्पियो और एक पिकअप तेज गति से जाती हुई पाई गई और लगातार इसी क्रम में एक अन्य और स्कार्पियो
पिकअप फिर निकली, जिस पर पुलिस जाप्ते ने आगे व पीछे से इन गाडियों को घेर लिया । पुलिस ने गाडी में बैठे मुल्जिमानों को पकड़ने का प्रयास किया जिस पर गाडियों में से अज्ञात बदमाशान ने मौजूद
पुलिस जाप्ते पर फायरिंग कर दी , जिसमें की कांस्टेबल ऊंकार राय के सीने में गोली लगने से ईलाज के दौरान एमजीएच हॉस्पीटल भीलवाडा में मृत्यु हो गयी । वही पुलिस जाप्ता के लगातार पीछा करने और जवाबी
कारवाही में विरोध में तस्करों ने पुलिस थाना रायला के स्टाफ पर अत्याधुनिक हथियारों से फायरिंग की। इस दौरान रायला थाने के पवन कुमार , कांस्टेबल को गोली लगी , जिनकी भी ईलाज के दौरान मृत्यु हो
गयी थी। घटना के बाद अधिकारियों ने शहीद हुए जवानों के परिजनों को उनके घर जाकर सान्तवना दी और स्पेशल टीम का गठन कर आरोपी की पड़ताल कर उन्हें दबोच लिया।
इस तरह मिली कामयाबी
पुलिस अधीक्षक भीवलाडा द्वारा बदमाशों की गिरफ्तरी हेतु योजनाबद्ध एवं सुनियोजित रूप से दायित्वों का विभाजन किया गया जिसमें साईबर सैल द्वारा घटनास्थलों के टॉवर डम्प संकलित करना , तस्करों द्वारा
काम में लिये गए मार्गों पर उपलब्ध सीसीटीवी केमरों का अवलोकन एवं फुटेज का संकलन मादक पदार्थ तस्करी में लिप्त व्यक्तियों के मोबाईल नम्बरों की कॉल डिटेलों का विश्लेषण , मादक पदार्थ तस्करी में
लिप्त अपराधियों एवं उनके सहयोगियों का चिन्हीकरण एवं फिल्ड स्तर पर शीघ्रताशीघ्र आसूचना संकलन के बाद घटनास्थल के आने - जाने वाले रास्तों यथा ग्राम कदवासा मध्यप्रदेश , बेगू , बिगोद , नंदराय ,
कोटडी , रायला , माण्डलगढ , लाडपुरा , शंभूगढ , बदनोर भीम , ब्यावर से सीसीटीवी फुटेज लिये जाकर उनका गम्भीरता पूर्वक विश्लेष्ण किया।