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इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि Startups Indore। प्रदेश के सबसे बड़े आटोनोमस इंजीनियरिंग संस्थान गोविंदराम सेकसरिया इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी एंड साइंस (एसजीएसआइटीएस) इन दिनों इनोवेशन एवं
स्टार्टअप पालिसी तैयार करने का काम कर रहा है। इसके लिए शहर के प्रोफेसर्स को जिम्मेदारी दी गई है और विद्यार्थियों की ओर से भी पालिसी के लिए फीडबैक मंगाए जा रहे हैं। संस्थान में सेंटर फार
इनोवेशन, डिजाइन एवं इंक्यूबेशन स्थापित है। इसमें एक साथ 100 स्टार्टअप काम कर सकते हैं। इसके लिए वाइफाइ से लेकर कंप्यूटर लैब और गाइडेंस के लिए प्रोफसर्स की टीम रहती है।
संस्थान नए आइडिया पर काम करने वाले युवाओं की तलाश भी कर रहा है। संस्थान के निदेशक डा. आरके सक्सेना का कहना है कि अगर यूनिक आइडिया पर काम करने वाली युवा टीम हमारे इंक्यूबेशन सेंटर में आना
चाहती है और यहां की सुविधा का लाभ लेना चाहती है तो उन्हें हम कई तरह की और भी साधन उपलब्ध कराएंगे। स्टार्टअप की ग्रोथ के लिए हम संस्थान स्तर पर स्टार्टअप पालिसी तैयार करा रहे हैं। इसमें वे
सभी बातों का ध्यान रखा जाएगा जो किसी भी बिजनेस को ग्रोथ देने के लिए जरूरी होती है। कई मामलों में युवाओं के पास अच्छे आइडिया होते हैं लेकिन रिसर्च के साधन नहीं होते हैं या कई स्टार्टअप करने
वाले युवा फंडिंग नहीं होने से मार्केट से बाहर हो जाते हैं। इनकी समस्याओं को देखकर स्टार्टअप पालिसी बनाई जा रही है। इसके तहत ही संस्थान के इंक्यूबेशन सेंटर में स्टार्टअप को प्रवेश दिया जाएगा।
पालिसी में इन बातों पर जोर दिया जा रहा है
संस्थान कृषि, तकनीकी, साइंस, फार्मेसी, आटोमोबाइल क्षेत्रों पर ज्यादा जोर दे रहा है। इन क्षेत्रों में काम करने वाले स्टार्टअप की तलाश की जा रही है। स्टार्टअप अपने स्तर पर भी संस्थान में आवेदन
देकर इंक्यूबेशन निशुल्क उपयोग कर सकते हैं। संस्थान द्वारा तैयार की जा रही स्टार्टअप पालिसी में शहर के उन स्टार्टअप की परेशानियों को जानने की कोशिश की जा रही है जिसके कारण वे आगे नहीं बढ़ पा
रहे हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात फंडिंग नहीं मिलना है। इसके साथ स्टार्टअप करने वाले युवाओं को आफिस और एम्पलाइ तलाशने में भी परेशानी आ रही है। इंडस्ट्रीज से कनेक्शन नहीं होने से उन्हें
एक्सपोजर नहीं मिल पा रहा है।
इसके लिए एसजीएसआइटीएस अपने पूर्व विद्यार्थियों को जोड़ने का काम कर रहा है। अच्छे आइडिया की जानकारी पूर्व विद्यार्थी जो इस समय देश-दुनिया की बड़ी कंपनियों में बैठे हैं उन्हें दे रहे हैं।
संस्थान खुद के विद्यार्थियों को भी अपने इनोवेटिव आइडिया को बिजनेस में बदलने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। एक से दो महीने में संस्थान अपनी स्टार्टअप पालिसी जारी कर देगा। इसके बाद और स्पष्ट हो
जाएगा कि आखिर संस्थान किस तरह स्टार्टअप को गति देने का काम करेगा।