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बेटियों ने अपनी ही 84 साल की वृद्ध मां को बेसहारा छोड़कर दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर कर दिया। By ANIL.TOMAR Edited By: ANIL.TOMAR Publish Date: Wed, 31 Mar 2021 07:15:12 PM (IST) Updated
Date: Wed, 31 Mar 2021 07:15:12 PM (IST) GWALIOR OLD AGE HOME NEWS: ग्वालियर.नईदुनिया प्रतिनिधि। जिन बेटियों को मां ने पाल-पोसकर बड़ा किया, बड़े अरमान से उनके हाथ पीले किए, उन बेटियों ने अपनी
ही 84 साल की वृद्ध मां को बेसहारा छोड़कर दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर कर दिया। इन बेटियों ने सेवा करने के नाम पर पहले मां का मकान अपने नाम करा लिया। इसके बाद उन्होंने मां से सारे रिश्ते तोड़
दिए। जनकगंज में रहने वाली अजुद्धी शर्मा के पति पंडिताई कर जीवन यापन करते थे। उन्होंने पाई-पाई जोड़कर जनकगंज में मकान बनाया। उनके तीन बेटियां हैं। इनमें से एक बेटी की सालों पहले मौत हो गई।
उन्होंने अपनी दो बेटियों को पढ़ाया लिखाया, इसके बाद दोनों बेटियों की बड़े ही अरमानों से शादी की। शादी के कुछ समय बाद ही अजुद्धी शर्मा के पति की मौत हो गई। पति की मौत के बाद अकेली पड़ी: पति की
मौत के बाद अजुद्धी शर्मा अकेली पड़ गई। उनकी बेटियों ने सेवा के नाम पर उन्हें बरगलाया और धीरे-धीरे मकान अपने नाम करवाने के लिए कहा। बेटियों की बातों में आकर अजुद्धी ने अपनी दोनों बेटियों के
नाम मकान कर दिया। यह मकान ही अजुद्धी का इकलौता सहारा था। मकान नाम होने के बाद दिखाए रंग: जब दोनों बेटियों के नाम अजुद्धी ने मकान कर दिया तो उसके बाद दोनों बेटियों ने अपने रंग दिखाने शुरू कर
दिए। उन्हें खाने तक के लिए परेशान किया जाने लगा। बेटियों के व्यवहार के कारण वे अलग-थलग पड़ गई। वे दिन भर भूखी प्यासी घर के बाहर बैठी रहती थी। तब पड़ोस में रहने वाली शकुंतला परमार से उनकी
परेशानी नहीं देखी गई, तब पिछले दिनों वे अजुद्धी को लेकर माधव बाल निकेतन स्थित वृद्धाश्रम लेकर पहुंची। तब से अजुद्धी यही पर रह रही हैं। अजुद्धी ने बताया कि यहां का माहौल पूरी तरह पारिवारिक
है। परिवार से ज्यादा उन्हें यहां रहने में अच्छा लगता है। यहां पर किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है । वर्जन: अजुद्धी ने मकान अपनी बेटियों के नाम कर दिया । बेटियां उन्हें रखने को तैयार
नहीं है। वे पिछले दिनो ही यहां पर आई हैं। उनका यहां पर अच्छे से खयाल रखा जा रहा है । नूतन श्रीवास्तव, चेयरमैन, वृद्धाश्रम