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MADHYA PRADESH WEATHER UPDATE भोपाल (नईदुनिया प्रतिनिधि)। पश्चिमी विभोभ के असर से राजस्थान पर बने चक्रवात के कारण मध्यप्रदेश में बड़े पैमाने पर नमी आने का सिलसिला शुरू हुआ है। इससे प्रदेश के
अधिकांश क्षेत्रों में बादल छा गए हैं। शुक्रवार को दोपहर बाद कई स्थानों पर तेज रफ्तार से हवाएं चलने के साथ ही बौछारें भी पड़ीं। शाम को राजधानी के आसपास के कुछ इलाकों के साथ प्रदेश के कई
क्षेत्रों में ओले भी गिरे। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इस तरह का मौसम शनिवार दोपहर तक बना रहेगा। इस दौरान विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, गुना, अशोकनगर में बारिश के साथ ओले भी गिर सकते हैं।
शनिवार शाम से मौसम साफ होने के भी आसार हैं। शिवपुरी में बिजली गिरने से दो की मौत मौसम के बदले मिजाज ने शिवपुरी में दो लोगों की जान चली गई। रन्नौद के मुडरी निवासी रमेश आदिवासी सुबह करीब 10.30
बजे ससुराल के बाहर खड़ा था। अचानक बिजली गिरने से उसकी मौत हो गई वहीं पोहरी थाना क्षेत्र में आने वाले चकराना गांव में रहने वाला राजू धाकड मोटर साइकिल से पोहरी से चकराना आ रहा था तभी रास्ते
में आकाशीय बिजली गिरने से उनकी मौत हो गई। पुलिस ने मर्ग कायम किया है। > Madhya Pradesh Weather Update: मध्य प्रदेश > में तेज हवा के साथ कई > स्थानों पर बारिश, ओले भी > गिरे ,
जानिये कब तक रहेगा > ऐसा मौसम#mpnews #WeatherUpdate https://t.co/aPXMD0tj0a > pic.twitter.com/ldrzljbjFs > > — NaiDunia (@Nai_Dunia) March 12, 2021 मौसम विज्ञान केंद्र के
मुताबिक शुक्रवार को सुबह साढ़े आठ से शाम साढ़े पांच बजे तक शाजापुर में पांच, जबलपुर में 3.4, ग्वालियर में 1.1, खरगोन, दमोह में एक, इंदौर में 0.2 मिलीमीटर बरसात हुई। भोपाल, राजगढ़, गुना, सागर,
नौगांव, छिंदवाड़ा में बूंदाबांदी हुई। बादल छाए रहने के साथ ही तेज हवा चलने और बारिश के कारण प्रदेश में अधिकतम तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई है। राजधानी में अधिकतम तापमान 32.6 डिग्री
सेल्सियस (सामान्य से एक डिग्री कम) रहा। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया पश्चिमी विक्षोभ अभी भी पाकिस्तान और उसके आसपास बना हुआ है। उसके प्रभाव से उत्तरी राजस्थान पर एक प्रेरित
चक्रवात बना हुआ है। इस सिस्टम के कारण बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से नमी मिल रही है। इससे लगभग पूरे प्रदेश में बादल छाए हैं। साथ ही तेज रफ्तार (अधिकतम 40 किलोमीटर प्रति घंटा) से हवा चल रही है।
गरज-चमक के साथ बौछारें भी पड़ रही हैं। मौसम विज्ञानी वेदप्रकाश ने बताया शनिवार को भी मौसम का मिजाज इसी तरह बना रह सकता है। इस दौरान भोपाल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें
पड़ सकती हैं। कहीं-कहीं ओले गिरने के साथ बिजली गिरने की भी आशंका है। शनिवार शाम से मौसम कुछ साफ होने की संभावना है, लेकिन एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ के असर से 18 मार्च से प्रदेश में फिर गरज-चमक
के साथ बारिश होने के आसार हैं। शुक्रवार को चार महानगरों का तापमान शहरअधिकतमन्यूनतम भोपाल32.6 19.6 इंदौर34.5 21.4 जबलपुर30.2 21.0 ग्वालियर24.8 19.5 आंधी, ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान मौसम
बदलने के साथ ही गुरुवार शाम और शुक्रवार को प्रदेश के कई जिलों में तेज हवाएं चलीं। आधा दर्जन से अधिक जिलों में ओलावृष्टि हुई। विदिशा, सागर, राजगढ़, गुना, सीहोर और हरदा जिले में आंधी चलने के
साथ ही बारिश और ओलावृष्टि होने से खेतों में कटी पड़ी फसलें भींगने से गेहूं, चना और धनिया की फसल को नुकसान पहुंचा। विदिशा जिले के शमशाबाद क्षेत्र के छह गांवों में बारिश के साथ 10 मिनट तक ओले
गिरे। खेतों में कट रही गेहूं और चने की फसल को भारी नुकसान पहुंचा। जिन क्षेत्रों में ओले नहीं गिरे, वहां आंधी चलने के कारण गेहूं की फसल जमीन पर बिछ गई। राजगढ़ जिले के सारंगपुर, सुल्तानिया और
नरसिंहगढ़ क्षेत्र में करीब 10 मिनट तक बेर के आकार के ओले गिरे। सीहोर के श्यामपुर क्षेत्र के कई गांवों में शाम करीब 5=30 बजे तेज बारिश होने के साथ बेर के आकार के ओले गिरे। सागर शहर और आसपास के
गांवों में तेज बारिश के साथ करीब तीन मिनट तक चने के आकार के ओले गिरे। गुना के आरोन क्षेत्र के कई गांवों में बारिश के साथ करीब पांच मिनट तक ओलावृष्टि हुई। अशोकनगर, होशंगाबाद में शाम को बारिश
हुई। छिंदवाड़ा और बैतूल में बादल छाए रहे, लेकिन बारिश नहीं हुई। इधर हरदा शहर सहित जिले के हंडिया, रहटगांव, नीमगांव क्षेत्र में आंधी चलने के साथ बरिश और करीब 20 मिनट तक ओलावृष्टि हुई, जिससे
खेतों में कट रही चना और गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा। ग्वालियर- चंबल अंचल और बुंदेलखंड में गुरुवार शाम आंधी और शुक्रवार सुबह बारिश से सरसों और गेहूं की फसलें प्रभावित हुई हैं। मुरैना और
भिंड में आंशिक असर हुआ है परंतु शिवपुरी के सिरसौद, करैरा, पिछोर और श्योपुर के सोईंकला और ददूनी गांव में गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई है। सरसों भी लगभग पकने के लिए तैयार थी। इसके फूल आंधी के
कारण झड़ गए हैं। टीकमगढ़ और छतरपुर जिलों में खेतों में पककर खड़ी गेहूं की फसल को ज्यादा नुकसान हुआ है। ग्वालियर के कृषि अधिकारी आनंद बड़ौनिया का कहना है अभी फिलहाल बारिश तो कम ही हुई है। सरसों
कट रही है। गेहूं और चने की फसल भी खेतों में कटने के लिए तैयार है। इसलिए अभी ज्यादा नुकसान नहीं है। यदि तेज बारिश लगातार होती है तो किसानों की चिंता बढ़ सकती है।