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भोपाल (नईदुनिया प्रतिनिधि)। राजधानी भोपाल स्थित हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आइडी चौरसिया को हटा दिया गया है। छाती व श्वास रोग विभाग के एचओडी डॉ. लोकेद्र दवे को अब अधीक्षक की जिम्मेदारी दी
गई है। दो दिन पहले हमीदिया अस्पताल के दवा स्टोर से 863 रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी होने के चलते डॉ. चौरसिया को हटाने की बात सामने आ रही है। हालांकि डॉ. चौरसिया ने कहा कि उन्होंने चार दिन पहले
ही यह पद छोड़ने की पेशकश की थी। सोमवार को संभागायुक्त कवींद्र कियावत को पत्र लिखकर भी व्यक्तिगत कारणों से काम नहीं कर पाने में असमर्थता जताई थी।
दरअसल, इंजेक्शन चोरी होने के मामले में पुलिस जांच में सामने आया है कि इसमें किसी भीतरी व्यक्ति का हाथ है। सिर्फ संदेह पैदा करने के लिए जाली काटी गई, जिससे लोगों को यह पता चल सके कि इंजेक्शन
चोरी हुए। स्टोर से इंजेक्शन किसे दिए गए, इसका ब्योरा भी नहीं रखा जा रहा था। इसकी निगरानी की जिम्मेदारी अस्पताल अधीक्षक की थी। इंजेक्शन चोरी होने वाले दिन ही हमीदिया अस्पताल के वार्डब्वाय,
सुरक्षाकर्मी और सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल भी की थी। इस वजह से स्टोर के बाहर कोई सुरक्षाकर्मी नहीं था।
ऐसे में अधीक्षक को वैकल्पिक प्रबंध करना था, जो उन्होंने नहीं किया। सीसीटीवी कैमरे भी नहीं थे। इस तरह की गलती के चलते डॉ. चौरसिया को हटाने की बात सामने आ रही है।
क्या इंजेक्शन चोरी के मामले में आपको हटाया गया है? जवाब- मैंने व्यक्तिगत कारणों से चार दिन पहले ही पद छोड़ने के लिए बोल दिया था। सोमवार को लिखित में आवेदन दिया था। - आपके कहने पर कई लोगों को
इंजेक्शन दिए गए थे? जवाब- वार्ड से मांग पत्र आने पर ही इंजेक्शन स्टोर से दिए जाते थे। इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं थी। - क्या सभी इंजेक्शन हमीदिया में भर्ती मरीजों को लगे थे? जवाब - हां,
हमीदिया में भर्ती मरीजों को ही लगे थे। हो सकता है इक्का-दुक्का इंजेक्शन अस्पताल के बाहर किसी जरूरतमंद को लगाए गए हों।