Rte fees scam: आरटीई फीस घोटाले के खिलाफ हल्लाबोल, नोट दिखाकर जताया विरोध

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RTE FEES SCAM: अभाविप के छात्रों ने दोबारा घेरा डीईओ कार्यालय, दोषी अधिकारी पर कार्रवाई की उठी मांग। By SHASHANK.BAJPAI Edited By: SHASHANK.BAJPAI Publish Date: Fri, 12 Mar 2021 07:05:00 PM


(IST) Updated Date: Fri, 12 Mar 2021 07:05:07 PM (IST) रायपुर। RTE FEES SCAM: शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति में करीब 76 लाख


रुपये के घोटाले के मामले में अब तक कार्रवाई नहीं होने से विरोध शुरू हो गया है। शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के कार्यकर्ताओं ने लगातार दूसरी बार डीईओ कार्यालय को घेरकर


जमकर हंगामा मचाया। छात्रों ने इस बार नोट दिखाकर विरोध किया और पूर्व डीईओ जीआर चंद्राकर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। छात्रों ने आरोप लगाया कि शिक्षा विभाग के अधिकारी और ऊपर बैठे जनप्रतिनिधि


केंद्र सरकार की ओर से भेजे गए आरटीई के फीस की बंदरबांट कर रहे हैं। मामला सामने आने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने से छात्रों ने खूब हंगामा मचाया। अभाविप के महामंत्री विभोर ठाकुर के नेतृत्व में


कार्यकर्ताओं ने अधिकारियों से जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है। छात्रों ने कहा कि यदि जल्द से जल्द दोषी अधिकारी पर कार्रवाई नहीं हुई, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। इस मौके पर बड़ी संख्या में


अभाविप के विद्यार्थी शामिल हुए। यह है मामला 28 जनवरी 2021 को डीईओ कार्यालय से आठ निजी स्कूलों को आरटीई की राशि का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से किया गया है। इनमें ज्यादातर स्कूल दो से पांच


साल पहले ही बंद हो चुके हैं। जिन स्कूलों को लाखों की राशि दी गई है वहां आरटीई के एक भी बच्चे नहीं पढ़ रहे हैं न ही कोई रकम ही बकाया थी। पता चला कि ये राशि इन संस्थाओं के खाते में नहीं, बल्कि


व्यक्तिगत खाते में डाली गई है, जबकि राशि संस्थाओं के खाते में ही भेजने का प्रावधान है। रायपुर में 27 हजार समेत प्रदेश में पौने तीन लाख बच्चे आरटीई में निश्शुल्क पढ़ रहे हैं। प्राइमरी में सात


हजार, मिडिल स्कूल में 11 हजार स्र्पये प्रति बच्चों के हिसाब से सरकार निजी स्कूलों को फीस दे रही है। इसमें 60 फीसद राशि केंद्र और 40 फीसद राज्य सरकार वहन करती है।