Method Of Study: बोल रही दीवारें और पढ़ रहे बच्चे

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रायपुर। Method Of Study: वर्तमान में कोरोना वैश्विक महामारी के कारण सभी स्कूल बंद है। ऐसी स्थिति में राज्य शासन द्वारा बच्चों की शिक्षा को अनवरत जारी रखने के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं।


जिसमे प्रिंट रिंच वातावरण, सहायक शिक्षण सामग्री (टीएलएम मेला), अंगना म शिक्षा, स्थानीय भाषाओं मे सामग्री निर्माण, आदि विधि से बच्चों को शिक्षा देने की मुहिम जारी है।


इस कड़ी में दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा) जिले के गांव-गांव में प्रिंट रिंच वातावरण तैयार कर हर गली मोहल्ला में वाल पेंटिंग कर शिक्षा की मुहिम चलाई जा रही है, जो बच्चों को अपनी पढ़ाई जारी रखने में


मददगार हो रही है। पढ़ाई की कड़ी को पुनः जोड़ने और बुनियादी शिक्षा जारी रखने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा गली मोहल्ला गांव में प्रिंट रिंच वातावरण तैयार किये जाने के लिए सभी


जिलों में पत्र जारी किया गया है।


इसके परिपालन में दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा) जिले के गांवों में प्रिंट रिंच का वातावरण बनाया गया है। जिससे बच्चे खेल-खेल में पढ़ना सीख रहे हैं और वर्तमान में यह प्रयोग कोरोना काल में गांव की


दीवारें बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा को जोड़ने में काफी मददगार साबित हो रही है। प्राइमरी स्कूल में बच्चो को बुनियादी शिक्षा दी जाती है। कोरोना के प्रभाव के चलते पढ़ाई प्रभावित है।


ऐसे में वाल पेंटिंग बच्चों को शिक्षा से जोड़कर लाभकारी साबित हो रही है। इस योजना में संकुल गीदम के सभी शालाओ में लगभग सभी वार्ड में प्रिंट रिंच वातावरण तैयार किया गया है। संकुल समन्वयक के


अनुसार यहां सभी शिक्षकों ने अथक प्रयास किया है और इसका परिणाम बच्चों के लिए उपलब्धि होगा। जिससे बच्चे अपने घर के पास खेलते-खेलते ही दीवार देखकर शिक्षा प्राप्त करेंगे।