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HIGH COURT NEWS: हाईकोर्ट ने सचिव स्कूल शिक्षा, संचालक लोक शिक्षण, जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर व गौरेला पेंड्रा को निर्देशित किया है। By YOGESHWAR SHARMA Edited By: YOGESHWAR SHARMA Publish
Date: Sun, 11 Apr 2021 09:20:00 AM (IST) Updated Date: Sun, 11 Apr 2021 09:20:27 AM (IST) बिलासपुर। HIGH COURT NEWS: शिक्षक पति का अन्य जिले में तबादला करने के मामले में हाईकोर्ट ने सचिव
स्कूल शिक्षा, संचालक लोक शिक्षण, जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर व गौरेला पेंड्रा को निर्देशित किया है कि याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर शासन की मौजूदा स्थानांतरण नीति के तहत निराकरण करें।
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के ग्राम बनझोरका निवासी एलपी विजौर ने हाई कोर्ट में याचिका पेश की। इसमें बताया कि वह उच्च वर्ग शिक्षक के पद पर शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बनझोरका गौरेला में
कार्यरत हैं। जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर ने 18 अप्रैल 2017 को प्री. मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास बगदेवा कोटा से बनझोरका गौरेला स्थानांतरित कर दिया था। याचिकाकर्ता की पत्नी लक्ष्मी बृजवासी
सहायक शिक्षक के पद पर शासकीय प्राथमिक शाला भरारी बिल्हा में पदस्थ हैं। दोनों पति-पत्नी को 31 अगस्त 2010 को पति व पत्नी स्थानांतरण नीति के फलस्वरूप कटघोरा जिला कोरबा से स्थानांतरण कर उसकी
सेवाएं बिल्हा को सौंपी गई थी। लेकिन याचिकाकर्ता को गौरेला पेंड्रा मरवाही भेज दिया गया है जो कि दूसरे जिले में आता है। जस्टिस पी सैम कोशी की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। कैंसर पीड़ित का
भुगतान नहीं, दायर की याचिका कैंसर पीड़ित जेल प्रहरी के बिल का पिछले आठ माह से विभाग द्वारा भुगतान नहीं करने पर हाई कोर्ट ने शासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। अनिल ठोकने ने अधिवक्ता
सुनील पिल्लई के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसमें बताया कि वह केंद्रीय जेल दुर्ग में जेल प्रहरी के पद पर कार्यरत हैं। याचिकाकर्ता इस दौरान एक साल से कैंसर से पीड़ित हैं। शासन के
नियमों के हिसाब से वे इलाज कराते आ रहे हैं। इलाज के बाद पिछले आठ माह में समय-समय पर चार लाख के मेडिकल बिल भुगतान के लिए जेल अधीक्षक के समक्ष नियमानुसार आवेदन प्रस्तुत कर चुके हैं। इसके बाद
भी अब तक उनके बिल का भुगतान नहीं हुआ है। मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस पी.सैम कोशी ने शासन के अधिवक्ता को पूछा है कि भुगतान की प्रक्रिया में क्यों देर हुई है।