15 साल से बड़े हर व्यक्ति को आपदा राहत प्रशिक्षण: सीएम त्रिवेंद्र रावत

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उत्तराखंड में 15 साल से अधिक उम्र के हर व्यक्ति को आपदा राहत से निपटने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही आपदा राहत प्रबंधन को स्कूली पाठ्यक्रम में भी शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र


रावत ने... Himanshu Kumar Lall लाइव हिन्दुस्तान टीम, देहरादून, Wed, 2 Oct 2019 04:00 PM Share Follow Us on __ उत्तराखंड में 15 साल से अधिक उम्र के हर व्यक्ति को आपदा राहत से निपटने का


प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही आपदा राहत प्रबंधन को स्कूली पाठ्यक्रम में भी शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने मंगलवार को यह निर्देश दिए।   मुख्यमंत्री ने सचिवालय में आपदा


प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में कहा कि राज्य में प्राकृतिक विपत्ति से निपटने के लिए मजबूत प्रबंधन तंत्र की जरूरत है। उन्होंने पीएमजीएसवाई की सड़कों का मलबे भी डंपिंग जोन में डालने को कहा। सीएम


ने आपदा संभावित क्षेत्रों में मुख्य सड़कों के साथ वैकल्पिक मार्ग भी तैयार किए जाएं। बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, यशपाल आर्य, मुख्य सचिव उत्पल कुमार, सचिव आपदा प्रबंधन अमित नेगी, आईजी


एसडीआरएफ संजय गुंज्याल सहित अनेक अफसर मौजूद थे।  रिस्पांस टाइम घटाने का लक्ष्य   सरकार आपदा राहत में रिस्पांस टाइम कम से कम करना चाहती है पर इसमें अभी अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई है। आराकोट


हादसे से यह समस्या एक बार फिर सामने आई। आपदा प्रबंधन सचिव अमित नेगी ने कहा कि 2013 की आपदा के बाद राज्य में प्रबंधन तंत्र को मजबूती दी गई है। 7766 महिला मंगल दल और 5968 युवा मंगल दल को


प्रशिक्षित किया गया है। मौसम के सटीक पूर्वानुमान को 107 स्टेशन बनाए गए हैं। आईआईटी रुड़की के सहयोग से भूकंप का अर्ली वार्निंग सिस्टम तैयार किया जा रहा है। 31 मार्च 2020 तक मुक्तेश्वर में


डॉप्लर राडार भी लग जाएगा।  उत्तराखंड को नहीं मिल रही राहत  उत्तराखंड में बीते तीन साल में आपदा से 239 लोग जान गंवा चुके हैं। इसी साल अब तक आपदा के चलते 80 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदेशभर


में अभी तक 228 करोड के नुकसान का आकलन है।  उधर 395 गांव आपदा की वजह से भूस्खलन की जद में हैं। सरकार ने इनके विस्थापन का निर्णय लिया है पर बजट के अभाव में कार्रवाई शुरू नहीं हो पा रही है।


इससे स्थिति विकराल हो रही है।