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आरटीओ दफ्तर में लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट के लिए आवेदक परेशान हो रहे हैं। टेस्ट के लिए पर्याप्त कंप्यूटर नहीं होने से घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है। नया ऐक्ट लागू होने के बाद
ड्राइविंग... Himanshu Kumar Lall लाइव हिन्दुस्तान टीम, देहरादून, Thu, 21 Nov 2019 01:04 PM Share Follow Us on __ आरटीओ दफ्तर में लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट के लिए आवेदक परेशान हो रहे
हैं। टेस्ट के लिए पर्याप्त कंप्यूटर नहीं होने से घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है। नया ऐक्ट लागू होने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाले आवेदकों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। लाइसेंस के
लिए लंबी वेटिंग चल रही है। लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया ऑनलाइन है। लर्निंग लाइसेंस के आवेदन करने के बाद ऑनलाइन टेस्ट होता है। आरटीओ कार्यालय में टेस्ट के लिए सात कंप्यूटर लगे हुए हैं।
कंप्यूटर कम होने के कारण रोजाना 250 लाइसेंस बन पा रहे हैं। टेस्ट के लिए आवेदक सुबह से पहुंचने शुरू हो जाते हैं, लेकिन सीमित कंप्यूटर होने के कारण उनको कई घंटों तक इंतजार करना पड़ता है। कारगी
चौक निवासी बीना देवी ने बताया कि उन्होंने लर्निंग लाइसेंस के लिए टेस्ट दिया, लेकिन भीड़ के कारण उनका नंबर चार घंटे बाद आया। प्रेमनगर से विवेक सिंह भी सुबह दस बजे टेस्ट के लिए पहुंच गए थे,
लेकिन टेस्ट देने का नंबर दोपहर एक बजे आया। उन्होंने टेस्ट के लिए कंप्यूटर सिस्टम बढ़ाने की मांग की है। गौरतलब है कि लर्निंग लाइसेंस टेस्ट में यातायात नियमों से जुड़े 15 सवाल पूछे जाते हैं।
इसमें पास होने के लिए नौ सवालों का सही जवाब देना होता है, लेकिन 60 फीसदी आवेदक टेस्ट में फेल हो जाते हैं। उनको एक सप्ताह बाद 50 रुपये फीस जमा करके दोबारा टेस्ट देना होता है। फेल होने से भी
आवेदकों का दबाव बढ़ जाता है। ये भी हैं लोगों की परेशानी के कारण लर्निंग लाइसेंस टेस्ट के दौरान कई बार परिवहन विभाग का सर्वर डाउन हो जाता है, जिस कारण लोगों को घंटों तक इंतजार करना पड़ता है।
जबकि कई बार लाइट चली जाती है। तब जनरेटर से सिस्टम चलाए जाते हैं। इससे भी आवेदकों को परेशानियां उठानी पड़ती है। ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट में यदि आवेदकों को परेशानी हो रही है तो इसे दिखवाया
जाएगा। कंप्यूटर सिस्टम बढ़ाने के लिए भी डिमांड की जाएगी। द्वारिका प्रसाद, एआरटओ (प्रशासन), देहरादून।