लखनऊ : 43 से अधिक अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से अटकीं मरीजों की सांसें

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Hindi NewsUP NewsLucknow : patients facing problem after lack of oxygen in more than 43 hospitals कोरोना मरीजों की संख्या में वृद्धि के साथ ही कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की खपत छह गुना तक


बढ़ गई है। यदि इसी रफ़्तार में मरीज बढ़ते रहे तो ऑक्सीजन की भारी किल्लत होगी। पीजीआई, केजीएमयू, लोहिया संस्थान... Shivendra Singh सुशील सिंह, लखनऊMon, 19 April 2021 06:59 AM Share Follow Us on


__ कोरोना मरीजों की संख्या में वृद्धि के साथ ही कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की खपत छह गुना तक बढ़ गई है। यदि इसी रफ़्तार में मरीज बढ़ते रहे तो ऑक्सीजन की भारी किल्लत होगी। पीजीआई, केजीएमयू,


लोहिया संस्थान व एरा हॉस्पिटल के कोविड अस्पतालों में लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगने से कोई दिक्कत नहीं है लेकिन शहर के अन्य करीब 43 से अधिक कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत है। रोजाना


सिलेंडर मंगाने के बावजूद ऑक्सीजन की कमी बनी हुई है। ऑक्सीजन कंपनियां मांग के मुताबिक सिलेंडर नही दे पा रही हैं। मौजूदा समय में 47 कोविड अस्पतालों में 3700 मरीज भर्ती हैं। इनमें से करीब तीन


हजार को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। 80 % मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीजों में 80 % से अधिक को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। वहीं घरों में आइसोलेट करीब 45 हजार


मरीजों में से डेढ़ हजार मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। जिसके चलते ऑक्सीजन की भारी किल्लत हो गई है। यही वजह है कि ऑक्सीजन के छोटे सिलेंडर बाजार से गायब हैं। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में


मरीजों को ऑक्सीजन के लिए भारी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। 5040 सिलेंडर की रोज आपूर्ति लखनऊ में छह कंपनियां ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही हैं। रोजाना 5040 ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति हो पा रही है,


जबकि इस समय खपत साढ़े छह हजार से ज्यादा ऑक्सीजन सिलेंडर की है। इसके चलते आसपास के जिलों से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाने पड़ रहे हैं। सामान्य दिनों में करीब डेढ़ हजार सिलेंडरों की खपत होती थी।


केजीएमयू, लोहिया और पीजीआई के कोविड हॉस्पिटल में 20 हजार किलोलीटर क्षमता का लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट है। सभी को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल आने वाले 80 से 90 प्रतिशत


मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। हाई फ्लो कैनुअला से भी मरीजों को सांसे देने की कोशिश की जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि 90 से 95 प्रतिशत मरीज बिना लक्षण वाले हैं। लिहाजा ऐसे मरीज


घबराएं नहीं। सभी को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत नहीं है। बेवजह ऑक्सीजन सिलेंडर न जुटाएं ताकि गंभीर मरीजों के इलाज में अड़चन न आएं। निजी अस्पतालों में आक्सीजन का भारी संकट 15 लेवल 3 ग्रेड के निजी


अस्पतालों में आक्सीजन का भारी संकट बना हुआ है। स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन ने बिना सुविधाएं और संसाधन परखे इन्हें कोविड अस्पतालों में तब्दील कर संक्रमित मरीजों को भर्ती करने का आदेश दे


दिया है। निजी अस्पताल संचालकों का कहना है कि ऑक्सीजन की 15 दिन के भीतर बहुत ज्यादा मांग बढ़ गई है। ऑक्सीजन सिलेंडर में कालाबाज़ारी शुरू जो गई है। तीन गुना ज्यादा दाम देने पर भी सिलेंडर नही मिल


पा रहे हैं। ऑक्सीजन की खपत और उपलब्धता पर ड्रग इंस्पेक्टर बृजेश कुमार को संपर्क किया गया लेकिन उनका फोन नही उठा।