सब्जी की खेती कर प्रवासी मजदूर कमा रहे मुनाफा

feature-image

Play all audios:

Loading...

PRAYAGRAJ NEWS - कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण घर लौटे प्रवासी मजदूरों के पास एक समय ऐसा था कि परिवार का गुजारा करना मुश्किल था, लेकिन अब यही प्रवासी मजदूर सब्जी की खेती कर


समृद्धिवान किसान बन गए हैं। प्रवासी... Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजSat, 29 Aug 2020 01:32 PM Share Follow Us on __ कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण घर लौटे प्रवासी मजदूरों के पास एक


समय ऐसा था कि परिवार का गुजारा करना मुश्किल था, लेकिन अब यही प्रवासी मजदूर सब्जी की खेती कर समृद्धिवान किसान बन गए हैं। प्रवासी मजदूर घर बैठे महीने में सब्जी की अच्छी पैदावार कर परदेस में


मिलने वाले वेतन से दोगुना मुनाफा कमा रहे हैं। अच्छे खान-पान के साथ अच्छी बचत कर बाहर से आए अन्य लोगों के सामने एक मिसाल पेश कर रहे हैं। जमुनीपुर के रफीक अहमद मुंबई में एक कपड़ा मिल में


मजदूरी करते थे। वह लॉकडाउन के दौरान अप्रैल में अपने घर आए धान की खेती करने के बजाए इस बार 10 बिस्वा में नेनुआ, बैगन और खीरा की खेती की है। रफीक ने बताया कि इस समय वह हर दूसरे दिन 1000 रुपए


से अधिक की कमाई कर रहे हैं। देवापुर गांव के दिवाकर पांडे अहमदाबाद में गार्ड की नौकरी करते थे। वह भी लॉकडाउन के दौरान घर वापस आए हैं। इस समय वह 15 बिस्वा में सब्जी की खेती किए हुए हैं। परवल


पांच बिस्वा और बैगन दो बिस्वा, करैला की खेती तीन बिस्वा में किए हुए हैं। दिवाकर ने बताया कि हर तीसरे दिन परवल से 700 से 15 सौ रुपए की कमाई हो रही है। वहीं बैगन और करैला से पांच से आठ सौ की


कमाई हो रही है। मैरी के अनिल कुमार मौर्या दिल्ली में नौकरी करते थे, वह भी लॉकडाउन के दौरान घर वापस आए और सब्जी की खेती में रम गए इस समय पूरे परिवार के साथ अच्छी मेहनत कर बेहतर मुनाफा कमा रहे


हैं। सुल्तानपुर अकबर के धीरेंद्र, तुफैल रजा, अमृत लाल पटेल, नजरुल हसन, गारापुर के देव कुमार प्रजापति शिमला मिर्च और बैगन की खेती कर अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं। अच्छी उपज के कारण तैयार हो


गई सब्जी मंडी सब्जी की अच्छी पैदावार होने के कारण दहियावां के पास आईबी का पूरा गांव में किसानों ने मिलकर सब्जी मंडी खोली। सब्जी मंडी तो पुरानी है लेकिन यहां पर सब्जी बिक्री के लिए नाम मात्र


किसान आते थे। लेकिन लाकडाउन शुरू होने के दौरान यहां पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में किसान आने लगे और यह मंडी ग्रामीण क्षेत्र की बड़ी मंडियों में शामिल हो गई है।