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आवास एवं शहरी नियोजन विभाग मौजूदा जरूरतों के आधार पर इन शुल्कों में संशोधन करना चाहता है। काफी समय से इसमें परिवर्तन नहीं किया गया है, इसके चलते वर्षों पुराना शुल्क ही वसूला जा रहा है। इन
शुल्कों को महंगाई के साथ जोड़ा जाएगा, जिससे मकान बनवाने वालों पर बोझ पड़ना तय माना जा रहा है। यूपी के शहरों में मकान बनवाने वालों पर आठ से नौ तरह के शुल्क का बोझ बढ़ सकता है। उच्च स्तर पर
इसको लेकर मंथन चल रहा है। विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद से इस पर राय मांगी गई है। उनसे पूछा गया है कि जरूरतों के आधार पर कितना शुल्क लगाया जा सकता है। इसके आधार पर नगर योजना एवं
विकास अधिनियम में इसका प्रावधान किया जाएगा। आवास विभाग मौजूदा समय भवन विकास एवं निर्माण उपविधि के साथ नगर योजना एवं विकास अधिनियम बनाने की कवायद में जुटा हुआ है। भवन विकास एवं निर्माण उपविधि
के प्रारूप को लगभग अंतिम रूप से दिया गया है। नगर योजना एवं विकास अधिनियम को बनाने पर मंथन चल रहा है। इसमें मौजूदा जरूरतों के आधार पर कई तरह के प्रावधान किए जाने हैं, जिससे विकास प्राधिकरण व
आवास विकास परिषद की आर्थिक स्थिति बेहतर करने के साथ ही उन्हें और अधिक अधिकार दिए जा सकें। ये भी पढ़ें:CM योगी का जन्मदिन, PM मोदी ने की तारीफ; शाह-राजनाथ-गडकरी-मायावती ने भी दी बधाई बढ़ सकता
है विकास, अंबार, म्यूटेशन और एफएआर शुल्क नगर अधिनियम पर मौजूदा समय राय-शुमारी चल रही है। इसके मौजूदा धारा-15 को संशोधित करते हुए जरूरत के आधार पर नए शुल्क लगाने का अधिकार देने की तैयारी है।
इसके साथ ही मौजूदा विकास शुल्क, प्रभाव शुल्क, निरीक्षण शुल्क, म्यूटेशन शुल्क, नगरीय उपयोग प्रभार, अंबार शुल्क, क्रय योग्य एफएआर शुल्क, शेल्टर शुल्क और मानचित्र स्वीकृत करने से संबंधित शुल्क
को बढ़ाने का विचार है। काफी समय से इन शुल्कों में बदलाव नहीं किया गया है आवास एवं शहरी नियोजन विभाग मौजूदा जरूरतों के आधार पर इन शुल्कों में संशोधन करना चाहता है। काफी समय से इसमें बदलाव
नहीं किया गया है, इसके चलते वर्षों पुराना शुल्क ही वसूला जा रहा है। इन शुल्कों को महंगाई के साथ जोड़ा जाएगा, जिससे मकान बनवाने वालों पर बोझ पड़ना तय माना जा रहा है। विकास प्राधिकरणों की
राय-शुमारी के बाद शुल्क की दरें तय होंगी और फिर इसे कैबिनेट से मंजूर कराते हुए विकास प्राधिकरणों से इसे लागू करने को कहा जाएगा। मौरंग, बालू, गिट्टी के दाम बढ़ गए उधर, राजधानी लखनऊ में मौरंग,
बालू और गिट्टी के दाम बढ़ गये हैं। निर्माण सामग्री के दामों में हुई बढ़ोत्तरी से घर बनाना महंगा हो गया है। एक हफ्ते के भीतर मौरंग 53 से बढ़कर 65 रुपये प्रतिघन फुट हो गया है। वहीं बालू 22
रुपये से बढ़कर 28 रुपये प्रतिघन फीट हो गया है। गिट्टी 54 रुपये से बढ़कर 60 रुपये घन फीट हो गया। सीमेंट की 50 किलो की बोरी भी 10 रुपये की बढ़त हुई है। ये भी पढ़ें:अब 40 मिनट में लखनऊ से
पहुंचिए कानपुर, कोहरा हो या बारिश में भी नहीं पड़ेगा फर्क उत्तर प्रदेश सीमेंट व्यापार संघ के अध्यक्ष श्याममूर्ति गुप्ता ने बताया कि बारिश की आहट में ही ट्रेडर्स ने दाम बढ़ा दिए हैं। उन्होंने
बताया कि मौरंग हमीरपुर, घाटमपुर, बालू अयोध्या, बहराइच से आता है। आदर्श व्यापार मंडल (कंस्ट्रक्शन मटेरियल) प्रभारी विशाल राजपूत ने बताया कि आने वाले दिनों में दाम बढ़ेंगे। सामग्री 28 मई 04
जून मौरंग 53 65 रुपये प्रतिघन फीट बालू 22 28 रुपये प्रतिघन फीट गिट्टी 54 60 रुपये प्रतिघन फीट सीमेंट 350-430 360-440 (प्रति 50 किलो) सरिया 6000 6000 रुपये प्रति कुंतल ईंट 8000 8000 रुपये
प्रति हजार ईंट और सरिया के दाम में बढ़ोतरी नहीं ईंट और सरिया के दाम में बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। लखनऊ ब्रिक किल्न एसोसिएशन के संरक्षक मुकेश मोदी ने बताया कि ईट 08 हजार प्रति हजार रुपये हैं।
आदर्श व्यापार मंडल के सदस्य व सरिया कारोबारी सर्वेश अग्रवाल ने बताया कि सरिया के दाम में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। 06 हजार रुपये प्रति कुंतल बिक रही है।